ईरान और चीन, पूरब की दुनिया की ख़ूबसूरत और मज़बूत सभ्यता के प्रतिनिधि
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ईरान और चीन, पूरब की दुनिया की ख़ूबसूरत और मज़बूत सभ्यता के प्रतिनिधि
पार्सटुडे- ईरान और चीन कई हज़ार वर्षों के इतिहास के दौरान शांति और सुरक्षा के अग्रदूत रहे हैं और यही इंसानी नज़रिया सिल्क रोड के निर्माण की बुनियाद भी बना है।
ईरान और चीन की संस्कृतियों के बीच संबंधों पर हाल ही में विशेष बैठक में जिसका शीर्षक था "ईरान और चीन, सांस्कृतिक क्षमताएं और ऐतिहासिक आदान-प्रदान" कुछ महत्वपूर्ण विषयों की समीक्षा की गई जिसके महत्वपूर्ण बिंदुओं को हम संक्षेप में पेश कर रहे हैं।
"ईरान और चीन, सांस्कृतिक क्षमताएं और ऐतिहासिक आदान-प्रदान" विशेष बैठक के सचिव अमीर रज़ाईपनाह
अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था का वातावरण सदैव शक्ति पर आधारित रहा है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, संस्कृति जैसे अन्य चीज़ों और आयामों पर धीरे-धीरे ध्यान दिया जाने लगा और आज हम सांस्कृतिक और पहचान के नज़रियात को मजबूत होते देख रहे हैं। अगर कभी कभी अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था में ध्रुवों की बात होती थी, तो आज हम उन "इलाक़ों" की बात करते हैं जो आवश्यक रूप से भौगोलिक नहीं बल्कि सांस्कृतिक और पहचान वाले हैं। ईरान और चीन दो ऐसे देश हैं जो अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में आधिपत्य और एकाधिकार के नज़रिए को स्वीकार नहीं करते हैं और पूरे इतिहास के दौरान उनके बीच रहे संबंधों के अलावा, उनमें एक तर्कसंगत चीज़ पायी जती है जो उन्हें एक मंच पर लाती है।
मैं चीन में एक ईरानी हूं!
चीनी विश्वविद्यालय के ईरानी अध्ययन केंद्र के निदेशक "जेके यून":
प्रिय ईरानी भाइयों और बहनों! मैं कोई चीनी शोधकर्ता नहीं हूं, मैं चीन में एक ईरानी हूं। शायद मेरा चेहरा चीनी है, लेकिन मेरी आत्मा ईरानी है। मैंने 32 वर्षों तक ईरान की संस्कृति और इतिहास का अध्ययन किया और इससे मंत्रमुग्ध हो गया और यह मेरे मन और मेरी रूह में समा गयी है। मेरी राय में ईरानी संस्कृति, दूसरी जगह पर ख़ुद ही चीनी संस्कृति है। इसलिए मैं हमेशा चीनी युवाओं से ईरान आने के लिए कहता हूं। ईरान सभ्यता का केंद्र और पालना है और चीन सहित दुनिया के कई क्षेत्र ईरानी संस्कृति से प्रभावित हैं। हम पूरे इतिहास के दौरान भाई भाई रहे हैं और चीन में ईरानी संस्कृति और सभ्यता के बारे में कई किताबें बहुत ही ज़्यादा लोकप्रिय हैं। हम ईरान को अपना भाई मानते हैं, राजनीतिक क्षेत्र में हम बराबर हैं।
चीन में इस्लामी गणतंत्र ईरान के सांस्कृतिक सलाहकार "नेअमतुल्लाह ईरानज़ादेह":
ईरान के बारे में शोध करने वाली हस्तियों और दोनों देशों के बीच नए संबंधों के स्रोत के रूप में जाने जाने वाले व्यक्तित्वों में "जेके यून" हैं। यह विश्वविद्यालय के सक्रिय सदस्यों में हैं जो शुक्रिया के पात्र हैं।
उनके अनुसार: यह दीर्घकालिक ऐतिहासिक और सभ्यतागत संबंध, राजनीतिक भूगोल की सीमाओं को तोड़कर हमारे ध्यान में आना चाहिए। ईरान और चीन ने कई हज़ार वर्षों में कभी किसी देश पर आक्रमण नहीं किया।
ईरान और चीन कई हज़ार वर्षों के इतिहास के दौरान शांति और सुरक्षा के अग्रदूत रहे हैं और यही इंसानी नज़रिया सिल्क रोड के निर्माण की बुनियाद भी बना है।
पूर्वी सभ्यताओं के प्रतिनिधियों के रूप में, ईरान और चीन को, कुछ देशों के बीच ग़लत तरीक़े से फैलाए गए ईरानोफ़ोबिया और सिनोफोबिया हटकर, आज के स्वस्थ्य मानव समाज के लिए एक नया सभ्यतागत मॉडल लाने में सक्षम होना चाहिए।
कीवर्ड्स: ईरान-चीन संबंध, ईरान-चीन समझौता, सांस्कृतिक संबंध, चीनी विश्वविद्यालयों में अध्ययन (AK)
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