निष्पक्षता के बिना आईएईए की सदस्यता निरर्थक है" पिज़िश्कियान
(last modified Sat, 12 Jul 2025 10:01:50 GMT )
Jul १२, २०२५ १५:३१ Asia/Kolkata
  • ईरानी राष्ट्रपति मसऊद पिज़िश्कियान
    ईरानी राष्ट्रपति मसऊद पिज़िश्कियान

तेहरान में आयोजित एक बैठक में ईरान के राष्ट्रपति पिज़िश्कियान ने कहा: अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) की सदस्यता तभी सार्थक है जब वह निष्पक्षता और तकनीकी मानकों का पालन करे। राजनीतिक दबाव में काम करने वाली संस्था का कोई मूल्य नहीं है।"

निष्पक्षता पर जोर: राष्ट्रपति पिज़िश्कियान ने आईएईए से तकनीकी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने और राजनीतिक प्रभाव से मुक्त रहने की मांग की।

 

ईरान के परमाणु कार्यक्रम का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है और ईरान अंतर्राष्ट्रीय नियमों का पालन करता है।

 

दोहरे मानदंडों की आलोचना: उन्होंने कुछ देशों द्वारा परमाणु प्रौद्योगिकी के मामले में लागू किए जा रहे "दोहरे मानदंडों" को ख़ारिज कर दिया।

 

ईरान के राष्ट्रपति मसूद पिज़िश्कियान ने अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के साथ सहयोग की शर्तें रखीं

पार्सटुडे - इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ़ ईरान के राष्ट्रपति मसूद राष्ट्रपति पिज़िश्कियान ने कहा कि ईरान और IAEA के बीच पिछले वर्षों में हुए व्यापक सहयोग को जारी रखने के लिए ईरानी परमाणु मामले में "दोहरे व्यवहार" में सुधार आवश्यक है।

 

प्रमुख बिंदु:

यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष के साथ वार्ता:

राष्ट्रपति पिज़िश्कियान ने बुधवार शाम यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष एंटोनियो कोस्टा के साथ टेलीफोन वार्ता की।

 

इस टेलीफ़ोनी वार्ता के दौरान 12-दिवसीय युद्ध और ईरान-यूरोप संबंधों की संभावनाओं पर चर्चा हुई।

 

ईरान की स्थिति:

राष्ट्रपति पिज़िश्कियान ने ईरान की रचनात्मक संवाद और वैश्विक सहयोग की प्रतिबद्धता दोहराई।

 

उन्होंने क्षेत्रीय व अंतर्राष्ट्रीय शांति, स्थिरता और सुरक्षा के प्रति तेहरान के दृष्टिकोण पर ज़ोर दिया।

 

IAEA संबंधी मांग:

 

उन्होंने IAEA से ईरान के परमाणु कार्यक्रम के मामले में "तकनीकी व निष्पक्ष" दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह किया।

 

ईरान के राष्ट्रपति ने ज़ायोनी शासन और अमेरिका की आक्रामक नीतियों की निंदा की

 

पार्सटुडे - इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ़ ईरान के राष्ट्रपति मसूद पिज़िश्कियान ने ज़ायोनी शासन की "अपराधिक कार्रवाइयों" और वैश्विक शांति को ख़तरे में डालने वाली भूमिका की निंदा करते हुए कहा: हमारा देश तब इज़रायल और अमेरिकी आक्रमण का शिकार हुआ जब वह संवाद और वार्ता के रास्ते पर था। ईरानी प्रतिरोध का मुकाबला न कर पाने के बाद उन्हें युद्धविराम करने के लिए मजबूर होना पड़ा।"

 

उन्होंने जोर देकर कहा कि इजरायल अमेरिकी समर्थन के बिना ऐसी कार्रवाई करने में अक्षम है।

 

IAEA संबंधी प्रतिक्रिया

यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष की IAEA सहयोग को लेकर चिंताओं के जवाब में राष्ट्रपति ने कहा: हम अंतर्राष्ट्रीय कानून, पारस्परिक सम्मान और कूटनीतिक संवाद के प्रति प्रतिबद्ध हैं।"

 

संसदीय निर्णय का औचित्य:

"IAEA प्रमुख के पक्षपातपूर्ण और अव्यावसायिक व्यवहार के कारण ही ईरानी संसद ने यह कानून पारित किया।"

 

IAEA की आलोचना:

"ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमले को नज़रअंदाज करना, पक्षपाती रिपोर्टिंग और अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के उल्लंघन पर चुप्पी- वे कारण हैं जिन्होंने IAEA की विश्वसनीयता को प्रश्नांकित किया है।"

 

अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं पर सवालः

राष्ट्रपति पिज़िश्कियान ने कहा:

"सदस्यता का मूल्य तभी है जब संस्थाएं सभी देशों के साथ समान व्यवहार करें। अन्यथा, ऐसी संस्थाओं में सदस्यता निरर्थक है।"

 

ईरान के राष्ट्रपति ने IAEA के साथ सहयोग के लिए शर्तें रखीं, यूरोप से संवाद का आह्वान किया

तेहरान - इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ़ ईरान के राष्ट्रपति मसूद ने अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के साथ तकनीकी सहयोग जारी रखने के लिए एक स्पष्ट शर्त रखी: "ईरान के परमाणु मामले में पक्षपातपूर्ण रवैया बदला जाना चाहिए।" उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी नए आक्रमण का "अधिक कड़ा और पछतावा कराने वाला जवाब" दिया जाएगा।

 

IAEA के लिए ईरान की शर्त:

 

राष्ट्रपति ने कहा कि ईरान ने अतीत में IAEA के साथ सिद्धांत-आधारित सहयोग किया है लेकिन भविष्य में यह सहयोग "दोहरे मानदंडों में सुधार" पर निर्भर करेगा।

 

उन्होंने IAEA की "पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग" और ईरान के परमाणु संयंत्रों पर हमलों को नज़रअंदाज करने की आलोचना की।

 

यूरोपीय संघ के साथ संबंध:

 

राष्ट्रपति ने यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष एंटोनियो कोस्टा के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ईरान "यूरोपीय संघ के साथ रचनात्मक संवाद और संबंधों के विस्तार के लिए तैयार है।"

 

उन्होंने मुद्दों के समाधान के लिए "सम्मानजनक वार्ता" पर जोर दिया।

 

यूरोपीय संघ की प्रतिक्रिया:

कोस्टा ने कहा कि यूरोपीय संघ "ईरान के साथ राजनयिक समाधान चाहता है" और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से "दोहरे मानदंडों से बचने" का आग्रह किया।

 

उन्होंने ईरानी संस्कृति और सभ्यता के प्रति सम्मान व्यक्त किया और सहयोग के लिए तत्परता दिखाई।

 

इज़रायल द्वारा हाल के हमलों में मारे गए ईरानी नागरिकों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए, कोस्टा ने "ग़ाज़ा में मानवाधिकार उल्लंघन" की निंदा की और युद्ध विराम, मानवीय सहायता तथा फिलिस्तीनियों के समर्थन की आवश्यकता पर बल दिया।

 

निष्कर्ष:

ईरान ने IAEA के साथ सहयोग के लिए अपनी शर्तें स्पष्ट कर दी हैं जबकि यूरोपीय संघ के साथ संबंध सुधारने का रास्ता खुला रखा है। यह वार्ता ईरान की उस रणनीति को दर्शाती है जो "दबाव के बिना कूटनीति" पर केंद्रित है। mm