क़ालीबाफ़: ज़ायोनी शासन और अमेरिका इस्लामी देशों की प्रगति के विरोधी हैं
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ईरानी संसद सभापति मोहम्मद बाक़िर क़ालीबाफ़ की तुर्किये के विदेश मंत्री हाकान फ़िदान से मुलाक़ात
पार्स टुडे – ईरानी संसद सभापति मोहम्मद बाक़िर क़ालीबाफ़ ने कहा कि ज़ायोनी शासन और अमेरिका इस्लामी देशों की प्रगति के विरोधी हैं।
रविवार को तुर्की के विदेश मंत्री हाकान फ़िदान के साथ मुलाक़ात में ईरानी संसद सभापति मोहम्मद बाक़िर क़ालीबाफ़ ने कहा: सच्चाई यह है कि ज़ायोनी शासन और अमेरिका इस्लामी देशों की मजबूती, एकता, विकास, समरसता और प्रगति का लंबे समय से गंभीर रूप से विरोध करते आए हैं।
पार्स टुडे के अनुसार क़ालीबाफ़ ने इस मुलाक़ात में क्षेत्र की विशेष और परिवर्तनशील परिस्थितियों की ओर इशारा करते हुए कहा कि पिछले वर्षों में ईरान और तुर्किये के बीच राजनीतिक और आर्थिक सहयोगों का विशेष महत्व रहा है और आज भी ये दोनों मुस्लिम, मित्र और प्रभावशाली देश जो इस्लामी विश्व और उम्मत में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं इन संबंधों को और अधिक शक्ति के साथ विकास और प्रगति की दिशा में आगे बढ़ाएँ।
इस बैठक में द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलू, आर्थिक सहयोग, क्षेत्रीय घटनाक्रम, सुरक्षा मुद्दे और इस्लामी दुनिया के साझा ढाँचे पर चर्चा हुई। क़ालीबाफ़ ने आर्थिक सहयोग, सीमा क्षमताओं और लॉजिस्टिक संभावनाओं की अहमियत पर ज़ोर देते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच सीमा विनिमय, संयुक्त मुक्त क्षेत्रों की सक्रियता, निजी क्षेत्र के बीच व्यापार को बढ़ावा देना और सरकारी मार्गों को मज़बूत करना वे महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं जो वर्तमान परिस्थिति में संबंधों को और मज़बूत कर सकते हैं।
क़ालीबाफ़ ने आर्थिक सहयोग और सीमा व लॉजिस्टिक क्षमताओं के महत्व का उल्लेख करते हुए यह भी बताया कि वर्तमान में ईरान और तुर्की के बीच आर्थिक व्यापार लगभग 20 अरब डॉलर है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों का साझा लक्ष्य इसे 30 अरब डॉलर के स्तर तक पहुँचाना है और इस अतिरिक्त 10 अरब डॉलर को हासिल करने के लिए अधिक सहयोग की आवश्यकता है।
ईरान के संसद सभापति ने अमेरिका द्वारा ईरान के खिलाफ दबावों की ओर इशारा करते हुए कहा: अन्यायपूर्ण दबावों और एकतरफा प्रतिबंधों के बावजूद ईरान–तुर्किये संबंध एक अच्छी स्तह पर कायम हैं लेकिन स्वाभाविक है कि इन संबंधों का और अधिक विस्तार होना चाहिए।
तुर्किये के विदेश मंत्री हाकान फ़िदान ने भी तुर्किये की संसद के अध्यक्ष और राष्ट्रपति का सलाम ईरानी राष्ट्र और सरकार को पहुँचाते हुए कहा: मैं हमेशा से यह मानता आया हूँ कि ईरान और तुर्की अपने सहयोग की सभी क्षमताओं का पूर्ण उपयोग नहीं कर रहे। द्विपक्षीय व्यापार के विकास के लिए हमें सीमा दरवाज़ों को और अधिक सक्रिय करना होगा।
क्षेत्रीय मुद्दों के बारे में हाकान फ़िदान ने कहा: क्षेत्र की सुरक्षा के सामने सबसे बड़ा ख़तरा, इस्राईली शासन की विस्तारवादी कार्रवाइयाँ हैं। इस शासन के ग़ाज़ा، फ़िलिस्तीन، लेबनान, ईरान और यहाँ तक कि क़तर पर हमलों ने इस वास्तविकता को पूरी तरह उजागर कर दिया।
अंत में हाकान फ़िदान ने कहा: ईरान और तुर्किये कठिन दिनों के दोस्त हैं। तुर्की 12-दिवसीय युद्ध के दौरान ईरानी जनता और सरकार के साथ खड़ा रहा। MM