ईरान: कनाडा का ईरान-विरोधी प्रस्ताव राजनीतिक और निराधार है
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पार्स‌टुडे- संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत और उप-प्रतिनिधि ने कनाडा के ईरान-विरोधी प्रस्ताव को राजनीतिक और निराधार बताया।
(last modified 2025-12-20T12:38:12+00:00 )
Dec २०, २०२५ १८:०६ Asia/Kolkata
  • दाईं ओर: ग़ुलामहुसैन दरज़ी, संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत और उप-प्रतिनिधि
    दाईं ओर: ग़ुलामहुसैन दरज़ी, संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत और उप-प्रतिनिधि

पार्स‌टुडे- संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत और उप-प्रतिनिधि ने कनाडा के ईरान-विरोधी प्रस्ताव को राजनीतिक और निराधार बताया।

पार्स‌टुडे की रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त राष्ट्र महासभा की तीसरी समिति में कनाडा के ईरान-विरोधी प्रस्ताव के मसौदे को पारित किए जाने के दौरान, संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत और उप-प्रतिनिधि ग़ुलामहुसैन दरज़ी ने कहा: एक बार फिर कनाडा द्वारा इस समिति में कार्रवाई के लिए एक निराधार और अनावश्यक प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है। इस्लामी गणराज्य ईरान इस मसौदे का, जो पूरी तरह राजनीतिक, चयनात्मक और विनाशकारी उद्देश्यों से प्रेरित है, कड़े शब्दों में विरोध करता है।

 

दरज़ी ने आगे कहा: हम इस मसौदे की विषयवस्तु और इसके पीछे की मंशा दोनों को अस्वीकार करते हैं। यह मसौदा न तो किसी प्रक्रिया के तहत वार्ता का विषय बना है, न ही किसी पक्ष के साथ सहमति से तैयार किया गया है और हर वर्ष उसी विशेष देश द्वारा थोपा जाता है। यह केवल उसी देश के राजनीतिक लक्ष्यों की पूर्ति करता है, न कि मानवाधिकारों के आदर्शों की।

 

संयुक्त राष्ट्र में इस्लामी गणराज्य ईरान के उप-प्रतिनिधि ने ज़ोर देकर कहा: केवल सहयोग-आधारित तंत्र, न कि दबाव, ही रचनात्मक और स्थायी परिणाम उत्पन्न कर सकते हैं। यह मसौदा न केवल किसी भी प्रकार के रचनात्मक संवाद को मज़बूत नहीं करता, बल्कि उसी टकरावपूर्ण दृष्टिकोण को आगे बढ़ाता है एक ऐसा दृष्टिकोण जिसकी विफलता बार-बार और लगातार सिद्ध हो चुकी है।

 

ग़ुलामहुसैन दरज़ी ने यह भी कहा: यह प्रस्ताव मसौदा, 13 से 25 जून 2025 के दौरान इस्लामी गणराज्य ईरान के खिलाफ 12 दिनों के सैन्य आक्रमण में ज़ायोनी शासन और अमेरिका द्वारा किए गए अंतरराष्ट्रीय क़ानून के गंभीर उल्लंघनों की निंदा से परहेज़ करके, संतुलन और निष्पक्षता से वंचित रह गया है। प्रस्ताव का पाठ इस अवैध सैन्य हमले के दीर्घकालिक और व्यापक मानवाधिकार परिणामों की अनदेखी करता है; जिनमें कम-से-कम 1,100 लोगों की शहादत शामिल है जिनमें अधिकांश महिलाएँ और बच्चे थे साथ ही ईरानी वैज्ञानिकों और बुद्धिजीवियों की शहादत, तथा लगभग 6,000 लोगों का घायल होना, जिनमें से कुछ स्थायी रूप से विकलांग हो गए हैं।

 

संयुक्त राष्ट्र में इस्लामी गणराज्य ईरान के उप-प्रतिनिधि ने स्पष्ट किया: यह आश्चर्यजनक है कि इस प्रस्ताव के मसौदे के तैयार करने वाले ईरानियों के मानवाधिकारों को लेकर चिंता जताने का दावा करते हैं, लेकिन ईरानियों के जीवन के प्रति कोई ध्यान नहीं देते।

 

दरज़ी ने साथ ही यह भी रेखांकित किया: इस्लामी गणराज्य ईरान संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार तंत्रों के साथ संवाद और रचनात्मक सहभागिता के प्रति अब भी प्रतिबद्ध है ऐसे तंत्र जो निष्पक्ष, पारदर्शी और भेदभाव से मुक्त होकर कार्य करते हैं तथा न्याय, निष्पक्षता और स्वतंत्रता के मूल सिद्धांतों का पालन करते हैं।

 

कनाडा द्वारा प्रस्तुत ईरान-विरोधी मानवाधिकार प्रस्ताव, जो हर वर्ष इस्लामी गणराज्य ईरान के खिलाफ लाया जाता है, गुरुवार की शाम संयुक्त राष्ट्र महासभा में पारित किया गया जबकि हर वर्ष की तरह इस बार भी इसके पक्ष में पड़े मत, विरोध और अनुपस्थित मतों की तुलना में कम थे। MM