क़ज़्ज़ाक़िस्तान में कैस्पियन सागर के तटवर्ती देशों की बैठक
(last modified Wed, 13 Jul 2016 14:33:14 GMT )
Jul १३, २०१६ २०:०३ Asia/Kolkata
  • क़ज़्ज़ाक़िस्तान में कैस्पियन सागर के तटवर्ती देशों की बैठक

विदेशमंत्री जवाद ज़रीफ़ ने कैस्पियन सागर के क़ानूनी अवस्था समझौते को, एक ऐसे समग्र दस्तावेज़ की संज्ञा दी है जो इस समुद्र के तटवर्ती देशों के अधिकारों, सहयोग व गतिविधियों के सिद्धांतों की रूपरेखा तय्यार करेगा।

उन्होंने बुधवार को क़ज़्ज़ाक़िस्तान की राजधानी आस्ताना में कैस्पियन सागर के तटवर्ती देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में कैस्पियन सागर में शांति व स्थिरता को क्षेत्रीय राष्ट्रों व सरकारों के लिए बहुत अहम बताया।

विदेशमंत्री ने कहा कि ईरान का मानना है कि पारदर्शिता, समुद्र से शांतिपूर्ण लाभ उठाना, हथियारों की होड़ से बचना, सेना का प्रयोग न करना, मौजूदा व्यवहार को अपनाए रखना और किसी तीसरे देश की सैन्य उपस्थिति पर रोक से संबंधित रूस के "आस्त्राख़ान शिखर सम्मेलन" के घोषणापत्र पर अमल और संकटों की पूर्व रोकथाम के लिए तय्यारी, वे बिन्दु हैं जिनपर अमल करके क्षेत्र में शांति व स्थिरता की पृष्ठिभूमि काफ़ी हद तक मुहैया की जा सकती है।

जवाद ज़रीफ़ ने राष्ट्रों के आर्थिक विकास व कल्याण के लिए सुरक्षा व स्थिरता को आधार बताया। उन्होंने कहा कि मौजूदा नस्ल और बाद की नस्लों की ज़रूरतों की आपूर्ति, सामूहिक दीर्घकालिक हितों के पालन और स्थाई विकास का तक़ाज़ा है। ज़रीफ ने कहा कि कैस्पियन सागर के तटवर्ती देश इस विशाल जलक्षेत्र के पर्यावरण की रक्षा में गंभीरता दिखाएं, इसके बेलगाम दोहन से बचें और इसी प्रकार ऐसा कोई काम न करें जिससे कैस्पियन सागर की बायोडाइवर्सिटी को नुक़सान पहुंचे।

ईरानी विदेश मंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय क़ानून में न्याय को मूल सिद्धांत के रूप में स्वीकार किए जाने का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि न्याय के सिद्धांत पर अमल करके ही कैस्पियन सागर के अधिकारों को निर्धारित करने के लिए द्विपक्षीय सहमति को हासिल किया जा सकता है।(MAQ/T)

टैग्स