Pars Today
ईरान और कैस्पियन सी के तटवर्ती देशों के बीच सैन्य समझौता हुआ है जिसका लक्ष्य सुरक्षा, ट्रेनिंग, तकनीकी कार्य, शोध और राहत कार्य में आपस में सहयोग करना है।
विदेश मंत्री जवाद ज़रीफ़ ने कहा है कि ईरान अपने जलक्षेत्र सहित क्षेत्रीय अखंडता पर किसी से समझौता नहीं करेगा।
संसाधनों से समृद्ध कैस्पियन सी के 5 तटवर्ती देशों के बीच इस समुद्र की क़ानूनी स्थिति के संबंध में 2 दशकों से ज़्यादा समय तक चलने वाली बातचीत के नतीजे में रविवार को पांचों देशों ने एक ऐतिहासिक समझौते पर दस्तख़त किए।
कैस्पियन सागर में तेल और गैस मौजूद है जो तटवर्ती देशों के संबंध विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
संसद सभापति डाक्टर अली लारीजानी ने कहा है कि कैस्पियन सागर की सुरक्षा उसके तटवर्ती देशों के हाथों पूरी होनी चाहिए और इस क्षेत्र में दूसरे देशों का कोई काम ही नहीं है।
विदेशमंत्री जवाद ज़रीफ़ ने कैस्पियन सागर के क़ानूनी अवस्था समझौते को, एक ऐसे समग्र दस्तावेज़ की संज्ञा दी है जो इस समुद्र के तटवर्ती देशों के अधिकारों, सहयोग व गतिविधियों के सिद्धांतों की रूपरेखा तय्यार करेगा।