सऊदी अरब का आर्थिक एवं राजैतिक संकट
सऊदी अरब के शासक ने सत्ता छोड़ने और उसे अपने बेटे को देने का मन बना लिया है।
सऊदी अरब के वर्तमान शासक सलमान बिन अब्दुल अज़ीज़ ने इस देश की सत्ता को अपने सुपुत्र मुहम्मद बिन सलमान को देने की पूरी तैयारी कर ली है। वाशिग्टन स्थित अलख़लीज अध्ययन केन्द्र ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि सलमान बिन अब्दुल अज़ीज़ ने इस उद्देश्य से अपने भाइयों से भेंटवार्ताएं की हैं ताकि वे उनके बाद मुहम्मद बिन सलमान को सऊदी अरब के शासक के रूप में स्वीकार कर लें। अलख़लीज अध्ययन केन्द्र की रिपोर्ट के अनुसार सऊदी परिवार के सदस्यों को इस बात के लिए सहमत करने के लिए कि मुहम्मइ बिन सलमान को वे अपने शासक के रूप में स्वीकार कर लें, सलमान बिन अब्दुल अज़ीज़ ने करोड़ो डालर ख़र्च किये हैं।
सलमान बिन अब्दुल अज़ीज़ के शासन बनने के बाद से सऊदी अरब गंभीर आर्थिक एवं राजनैतिक संकट से गुज़र रहा है। पिछले दो वर्षों से सऊदी अरब के आर्थिक तथा राजनीतिक मामले सलमान बिन अब्दुल अज़ीज़ के चहेते बेटे मुहम्मद बिन सलमान के हाथों में हैं। अगला शासक बनाने के उद्देश्य से ही सलमान बिन अब्दुल अज़ीज़ ने सऊदी अरब के आर्थिक तथा राजनीतिक मामले मुहम्मद बिन सलमान के हाथों में दे रखे हैं। जब से सऊदी अरब के आर्थिक एवं राजनैतिक मामले मुहम्मद बिन सलमान के हाथों में गए हैं उस समय से इस देश के सामने नए संकट आना आरंभ हो गए। मुख्य बात यह है कि सऊदी अरब के समाने आने वाले संकट दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं और उनका सामधान दूर-दूर तक दिखाई नहीं दे रहा है। इसी बीच वहां पर आर्थिक संकट के कारण जनाक्रोश भी बढ़ता जा रहा है जिसे राख में दबी चिंगारी कहा जा सकता है। सऊदी सूत्रों के अनुसार इस देश के बजट को सन 2016 में 90 अरब डालर का घाटा हुआ है जबकि पिछले साल यह 100 अरब डालर का था। विडंबना यह है कि एक एेसे देश को गंभीर आर्थिक संकट का सामना है जो प्रतिदिन लगभग दस मिलयन बैरेल तेल का उत्पादन करता है।