ईरान के विरुद्ध अमरीकी प्रतिबंधों की समय सीमा दस साल बढ़ी
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ईरान के विरुद्ध वाशिंग्टन की शत्रुतापूर्ण नीतियों के जारी रहने की परिधि में ईरान के विरुद्ध प्रतिबंधों की समयसीमा बढ़ाने का प्रस्ताव, अमरीकी राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बिना क़ानून बन गया।
(last modified 2023-04-09T06:25:50+00:00 )
Dec १५, २०१६ १६:२७ Asia/Kolkata
  • ईरान के विरुद्ध अमरीकी प्रतिबंधों की समय सीमा दस साल बढ़ी

ईरान के विरुद्ध वाशिंग्टन की शत्रुतापूर्ण नीतियों के जारी रहने की परिधि में ईरान के विरुद्ध प्रतिबंधों की समयसीमा बढ़ाने का प्रस्ताव, अमरीकी राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बिना क़ानून बन गया।

फ़ार्स न्यूज़ एजेन्सी की रिपोर्ट के अनुसार, अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने गुरूवार को ईरान के विरुद्ध प्रतिबंधों की समय सीमा दस वर्ष बढ़ाने के क़ानून पर हस्ताक्षर नहीं किये किन्तु कांग्रेस में पारित यह प्रस्ताव, स्वयं क़ानून बन गया।

अमरीकी राष्ट्रपति ने इन प्रतिबंधों पर हस्ताक्षर नहीं किए किन्तु इस बात की अनुमति दे दी कि उनके हस्ताक्षर के बिना ईरान के विरुद्ध यह क़ानून में परिवर्तित हो जाए। यह क़ानून, ईरान के विरुद्ध अमरीका के एकपक्षीय प्रतिबंधों का क़ानून है। पहली बार 1996 में ईरान के गैस और तेल के विभाग में विदेशी पूंजीनिवेश को रोकने के उद्देश्य से यह क़ानून पास किया गया और उसके बाद पहली बार 2006 में इस क़ानून की समयावधि में वृद्धि की गयी है।

ईरान के विरुद्ध क़ानून की समय सीमा 2016 में समाप्त होने वाली थी। ईरान और गुट पांच धन एक के मध्य होने वाली परमाणु सहमति के बाद, राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एक आदेश जारी करके परमाणु मुद्दे के बारे में ईरान पर लगे प्रतिबंधों को रोक दिया था।

ईरान ने बल दिया कि प्रतिबंधों के क़ानून में वृद्धि, नये क़ानून को पास करने और थोपने तथा परमाणु समझौते के खुले उल्लंघन के अर्थ में है। (AK)