फ़िलिस्तीन का मुद्दा, इस्लामी जगत का सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा हैः संसद सभापति
संसद सभापति डाक्टर अली लारीजानी ने तेहरान में अंतर्राष्ट्रीय फ़िलिस्तीन कांफ़्रेंस के अवसर पर फ़िलिस्तीन, जार्डन और यूगैंडा के संसद सभापतियों तथा श्रीलंका की संसद में राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति आयोग के प्रमुख से क्षेत्र और फ़िलिस्तीन की राजनैतिक व सुरक्षा संबंधी परिस्थितियों पर विचार विमर्श किया।
डाक्टर अली लारीजानी ने फ़िलिस्तीन के संसद सभापति सलीम ज़ानून से मुलाक़ात में कहा कि अंत में जीत प्रतिरोध की ही होगी और इस्लामी देशों के सहयोग से इस संकट से गुज़र जाएंगे।
संसद सभापति ने कहा कि आज फ़िलिस्तीन की अत्याचार ग्रस्त जनता की आवाज़ दुनिया में गूंज रही है और वही लोग इस आवाज़ को सुनना नहीं चाहते जो अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के प्रयास में हैं।
सलीम ज़ानून ने भी इस मुलाक़ात में कहा कि ईरान एेसा देश है जो हमेशा से फ़िलिस्तीन की अत्याचार ग्रस्त जनता का समर्थक रहा है और फ़िलिस्तीनियों ने हमेशा ईरानी राष्ट्र और सरकार का अभार व्यक्त किया है।
संसद सभापति ने इसी प्रकार जार्डन के संसद सभापति सैयद आतिफ़ तरावह से मुलाक़ात में बल दिया कि क्षेत्र में जारी संकट ज़ायोनी शासन के हित में है। उनका कहना था कि कुछ देश क्षेत्र में ईरानोफ़ोबिया फैलाने के प्रयास में हैं और यहां तक कि इस विषय को फ़ार्स की खाड़ी के देशों में भर दिया गया है जबकि ईरान ने वर्षों में यह सिद्ध कर दिया है कि वह क्षेत्र में शांति और स्थिरता के प्रयास में है।
इस मुलाक़ात में सैयद आतिफ़ तरावह ने क्षेत्र में ईरान की सकारात्मक भूमिका की प्रशंसा करते हुए कहा कि क्षेत्र में जो समस्याएं हैं वह क्षेत्र में संकट पैदा करने के अतिग्रहणकारी ज़ायोनी शासन के प्रयासों का परिणाम हैं।
डाक्टर अली लारीजानी ने इसी प्रकार यूगैंड की संसद सभाति रिबका कादाबा से मुलाक़ात में फ़िलिस्तीनी जनता की वर्तमान स्थिति को खेदजनक बताया और कहा कि शांति और सुरक्षा फ़िलिस्तीन की अत्याचार ग्रस्त जनता का अधिकार है।
संसद सभापति डाक्टर अली लारीजानी ने इसी प्रकार श्रीलंका की संसद में राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति आयोग के प्रमुख से मुलाक़ात में कहा कि फ़िलिस्तीन का मुद्दा, इस्लामी जगत का सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है और दुनिया के समस्त देशों को इन परिस्थितियों में फ़िलिस्तीन की जनता की रक्षा के लिए प्रयास करना चाहिए। (AK)