आईआरजीसी के ख़िलाफ़ ट्रम्प का रुख़, दाइश का बचाव हैः लारीजानी
ईरान के संसद सभापति ने कहा है कि अमरीका के राष्ट्रपति न तो अंतर्राष्ट्रीय समझौतों पर कटिबद्ध हैं न संयुक्त राष्ट्र संघ का सम्मान करते हैं।
डाॅक्टर अली लारीजानी ने रविवार को रूस के सेंट पीटर्ज़बर्ग नगर में अंतर्संसदीय संघकी 137वीं बैठक में, अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प के ईरान विरोधी बयान को वाॅशिंग्टन की अकटिबद्धता का चिन्ह बताया और कहा कि अमरीका ने कई बार ईरान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप किया है। उसने वर्ष 1953 में ईरान की क़ानूनी सरकार के ख़िलाफ़ विद्रोह करवाया, इस्लामी क्रांति की सफलता के बाद भी विद्रोह की कोशिश की, इराक़ द्वारा ईरान पर थोपे गए युद्ध में इराक़ की मदद की और वर्ष 1988 में ईरान के एक यात्री विमान को मार गिराया और आश्चर्य की बात है कि इतना बुरा अतीत रखने के बावजूद ट्रम्प अब ईरानी राष्ट्र से सद्भावना दर्शाना चाहते हैं।
ईरान के संसद सभापति ने इस्लामी क्रांति संरक्षक बल आईआरजीसी के ख़िलाफ़ ट्रम्प के आरोपों को अमरीका की ओर से दाइश के बचाव का प्रयास बताया और कहा कि आईआरजीसी एक जनसेना है और इराक़ व सीरिया की सरकारों के अनुरोध पर इन देशों के राष्ट्रों की मदद और दाइश को कुचलने के लिए यह बल इन देशों में गया था लेकिन अब उसी पर आतंकवाद के समर्थन का आरोप लगाया जा रहा है जबकि अमरीकी अधिकारी ख़ुद यह बात स्वीकार कर चुके हैं कि उन्होंने ही दाइश को अस्तित्व प्रदान किया है। (HN)