मुस्लिम देश, इस्राईल से अपने संबंध तोड़ लें, ईरानी सांसदों की मांग
(last modified Tue, 12 Dec 2017 10:05:09 GMT )
Dec १२, २०१७ १५:३५ Asia/Kolkata
  • मुस्लिम देश, इस्राईल से अपने संबंध तोड़ लें, ईरानी सांसदों की मांग

ईरान की संसद मजलिसे शूराए इस्लामी के सांसदों ने ज़ायोनी शासन की राजधानी के रूप में बैतुल मुक़द्दस को स्वीकार किए जाने का फ़ैसला, ज़ायोनी शासन के अवैध होने का सबसे बड़ा तर्क है।

प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार ईरानी संसद के 235 सांसदों ने मंगलवार को एक बयान जारी बैतुल मुक़द्दस के समर्थन की घोषणा की। सांसदों ने कहा कि बैतुल मुक़द्दस मुसलमानों का पहला क़िब्ला है और इस पर समस्त मुसलमानों का हक़ है।

इस बयान में आया है कि अमरीका और ज़ायोनी शासन को यह जान लेना चाहिए कि मुसलमान, इन अपराधिक कार्यवाही पर चुप नहीं बैठेंगे और इसके जो परिणाम सामने आएंगे उसका स्वयं ज़िम्मेदार अमरीका होगा।

ईरानी सांसदों ने समस्त मुस्लिम देशों से मांग की है कि वह जितनी जल्दी हो सके इस्राईल के साथ अपने कूटनयिक संबंध तोड़ लें और इसी प्रकार अमरीका के साथ अपने आर्थिक संबंधों को भी कम कर लें।

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