धोखेबाज़ अमरीका से वार्ता नहीं होगीः वरिष्ठ नेता + फ़ोटो
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने अमरीका के बद्तमीज़ी भरे रवैये, लज्जाजनक कार्यवाहियों और धमकियों की निंदा करते हुए कहा कि न तो युद्ध होगा और न ही हम अमरीका से वार्ता करेंगे।
जनता के विभिन्न वर्गों से संबंध रखने वाले हज़ारों लोगों ने सोमवार को वरिष्ठ आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने इस मुलाक़ात में अपने संबोधन के दौरान अमरीका की धमकियों, ग़ैर कूटनयिक भाषा और बद्तमीज़ी भरे रवैये की निंदा करते हुए कहा कि अमरीका ने पिछले छह महीने के दौरान अपने बयानों में बहुत अधिक बेशर्मी और बद्तमीज़ी का प्रदर्शन किया है।

वरिष्ठ नेता कहते हैं कि पहले भी अमरीका के लहजे में कूटनयिक संस्कार का बहुत ही कम ही ख़्याल रखा जाता था किन्तु पिछले कुछ महीनों से वह सभी देशों के संबंध में बद्तमीज़ी और बेशर्मी का प्रदर्शन कर रहा है जिसका एक उदाहरण पिछले सप्ताह यमन के स्कूली बच्चों की बस और अस्पताल पर सऊदी अरब के हमलों के संबंध में उसका दृष्टिकोण है।

वरिष्ठ नेता ने कहा कि यमन के स्कूली बच्चों की बस और अस्पताल पर पाश्विक हमले किए गये जिसमें निर्दोष बच्चे मारे गये किन्तु अमरीका इन घटनाओं की निंदा करने के बजाए बेशर्मी का प्रदर्शन करते हुए कहा कि सऊदी अरब के साथ हमारे रणनैतिक संबंध हैं।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा कि क्या यह बेशर्मी नहीं है? वरिष्ठ नेता कहा कि स्वयं अमरीकी राष्ट्रपति ने भी जो दो तीन हज़ार शरणार्थी बच्चों को उनकी माओं से अगल करके पिंजड़े जैसे हिरासती कैंप में रखा था, क्या इतिहास में इसका इससे पहले कहीं उदाहरण मिलता है?

वरिष्ठ नेता ने कहा कि अमरीकी अधिकारी हम लोगों के बारे में भी बेशर्मी भरी बातें कर रहे हैं, प्रतिबंधों के साथ साथ वह युद्ध की भी बात कर रहे हैं और वार्ता की भी पेशकश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अमरीका की ओर से वार्ता की पेशकश कोई नई बात नहीं है, क्रांति की सफलता के आरंभ से ही वह वार्ता की बातें करता आया है लेकिन हम अमरीका जैसी धोखेबाज़ सरकार से जो कभी भी अपने वादों पर अमल नहीं करती, वार्ता नहीं करेंगे।

वरिष्ठ नेता ने अमरीका की धोखेबाज़ी और वादों के उल्लंघन का उल्लेख करते हुए कहा कि इसका ताज़ा उदाहरण यह परमाणु समझौता है जिसकी अमरीका ने कटिबद्धता नहीं की। वरिष्ठ नेता ने कहा कि मैं अपने देश की जनता से यह कहना चाहता हूं कि अमरीका युद्ध की धमकी देकर कायरों को डराना चाहता है किन्तु यह युद्ध नहीं होगा और हम अमरीका से वार्ता भी नहीं करेंगे।

वरिष्ठ नेता ने कहा कि अमरीका के साथ वार्ता को इमाम ख़ुमैनी रहमतुल्लाह अलैह ने भी मना किया था और मैं भी अमरीका से वार्ता को मना करता हूं।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा कि युद्ध भी नहीं होगा क्यों हम हमेशा की भांति कभी भी युद्ध में पहल नहीं करेंगे। अमरीकी भी हमला नहीं करेंगे क्योंकि वह जानते हैं कि युद्ध सौ प्रतिशत उनके नुक़सान में होगा इसलिए कि इस्लामी व्यवस्था और ईरानी जनता ने सिद्ध कर दिया कि हर हमलावर को इससे कहीं अधिक कड़ा जवाब देते हैं। (AK)