अमरीका गंभीर वार्ता नहीं चाहता, पहले विश्वास बहाल करे
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अमरीकी राष्ट्रपति की ओर से ईरान से वार्ता की इच्छा जताए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि अमरीका वार्ता में गंभीर नहीं है, उसे पहले ईरान का विश्वास बहाल करना चाहिए।
(last modified 2023-04-09T06:25:50+00:00 )
Feb २१, २०१९ ११:३९ Asia/Kolkata
  • अमरीका गंभीर वार्ता नहीं चाहता, पहले विश्वास बहाल करे

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अमरीकी राष्ट्रपति की ओर से ईरान से वार्ता की इच्छा जताए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि अमरीका वार्ता में गंभीर नहीं है, उसे पहले ईरान का विश्वास बहाल करना चाहिए।

बहराम क़ासेमी ने तेहरान में चीन के समाचारपत्र ग्लोबल टाइम्स से बात करते हुए कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान अपनी स्वाधीनता और राष्ट्रीय हितों के सिद्धांत पर फ़ैसला करता है और तेहरान की नीतियां, संसार की बड़ी शक्तियों की इच्छाओं को दृष्टिगत रख कर तैयार नहीं की जातीं। उन्होंने परमाणु समझौते से अमरीका के निकलने के बाद उसकी ओर से ईरान पर लगाए गए अवैध प्रतिबंधों और इसी तरह संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रस्ताव क्रमांक 2231 के उल्लंघन की ओर इशारा करते हुए कहा कि दुनिया, अमरीका के एकपक्षवाद से ऊब चुकी है। उन्होंने कहा कि चीन, रूस और यूरोप अपने राजनैतिक रुख़ को लेकर अमरीका के सामने डट रहे हैं और यह अतीत के मुक़ाबले संसार की परिस्थितियों में परिवर्तन का सूचक है।

 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बहराम क़ासेमी ने अमरीका की नीतियों के मुक़ाबले में ईरान के डट जाने का कारण बताते हुए कहा कि अफ़ग़ानिस्तान, सीरिया, इराक़, और यमन समेत मध्यपूर्व के क्षेत्र में अमरीका के ग़लत फ़ैसले, ज़ायोनी शासन का समर्थन, क्षेत्र में चरमपंथ का समर्थन और तालेबान, अलक़ाएदा व दाइश जैसे आतंकी गुटों को अस्तित्व प्रदान करना, क्षेत्र में अमरीका की एकपक्षवादी नीतियों के सामने ईरान के डट जाने के कुछ कारण हैं। (HN)