पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की तेहरान यात्रा, द्विपक्षीय संबंधों में नया अध्याय!
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान, इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति के औपचारिक निमंत्रण पर रविवार को तेहरान पहुंच रहे हैं।
पाकिस्तानी विदेशमंत्रालय के बयान के अनुसार, इमरान खान ईरान पहुचने के बाद पहले पूर्वी ईरान के मशहद नगर जाएगें।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के साथ, उच्च प्रतिनिधिमंडल भी ईरान की यात्रा पर आ रहा है। इमरान खान, ईरान व पाकिस्तान के व्यापारियों के संयुक्त सम्मेलन में भी भाग लेंगे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की ईरान यात्रा का आर्थिक पहलु सब से अधिक महत्वपूर्ण है किंतु, आतंकवाद के खिलाफ युद्ध तथा संयुक्त सीमा पर सुरक्षा जैसे मुद्दे भी बेहद महत्वपूर्ण हैं। यही वजह है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की ईरान यात्रा से पहले दोनों देशों के विदेशमंत्रियों ने टेलीफोनी वार्ता में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की थी। पिछले साल पाकिस्तान के सेना प्रमुख की ईरान यात्रा और फिर उसके बाद ईरानी सेनाध्यक्ष की पाकिस्तान यात्रा कई संदेश लिए हुए थी। ईरान की सशस्त्र सेना के प्रमुख जनरल मुहम्मद बाक़ेरी ने दक्षिण एशिया में सुरक्षा व शांति स्थापना के महत्व पर बल देते हुए कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान खतरों के मुक़ाबले में महत्वपूर्ण दायित्व रखता है और उसका विश्वास है कि शांति स्थापना की सब से अच्छी राह क्षेत्रीय देशों के मध्य सहयोग और एक दूसरे की संभावनाओं से लाभ उठाना है।
राजनीतिक टीकाकार, हुसाम कियान मुक़द्दम इस संदर्भ में लिखते हैं कि जब से पाकिस्तानी प्रधानमत्री इमरान खान की ईरान यात्रा की घोषणा हुई है और उसकी तारीख का निर्धारण किया गया है तब से बलोचिस्तान में उन कट्टरपंथी गुटों की गतिविधियां बढ़ गयीं जिनका पालन पोषण सऊदी अरब करता है। उनका कहना है कि हालांकि सऊदी अरब के अतीत के दृष्टिगत उससे इसी प्रकार की आशा रखी जा सकती है किंतु यह घटनाएं निश्चित रूप से खतरे की घंटी है क्योंकि सऊदी अरब का उद्देश्य, ईरान व पाकिस्तान के संबंधों को खराब करना और इसी प्रकार, क्षेत्र की शांति व स्थिरता को बिगाड़ना है। ईरान व पाकिस्तान के संबंधों की जड़ें, इतिहास, संस्कृति, धर्म और दोनों राष्ट्रों के संपर्क तक फैली हैं। दोनों देशों की जनता के संबंधों को प्राकृतिक आपदाओं के अवसर पर अच्छी तरह से देखा जा सकता है। इसकी हालिया मिसाल, ईरान में आने वाली बाढ़ में नज़र आयी। इन हालात में इमरान खान की ईरान यात्रा आगे की ओर एक क़दम और दोनों देशों के संबंधों में एक नया अध्याय है। (Q.A.)