वियना बैठक, परमाणु समझौते की रक्षा के लिए अच्छा मौक़ा
ईरान, जर्मनी, ब्रिटेन और फ़्रांस की अपील पर परमाणु समझौते के आयोग की आपातकालीन बैठक आयोजित हुई जिसमें ईरान की ओर से उप विदेशमंत्री सैयद अब्बास इराक़ची और यूरोपीय संघ की ओर से ईयू की उप विदेश नीति प्रभारी हेल्गा श्मिद ने भाग लिया। यह बैठक 28 जुलाई को वियना में आयोजित हुई।
इस बैठक में परमाणु समझौते के आयोग की पहले वाली बैठक में हुई सहमति और इस विषय पर होने वाली प्रगति के मुद्दों पर चर्चा की गयी। ईरान के उप विदेशमंत्री और वरिष्ठ परमाणु वार्ताकार सैयद अब्बास इराक़ची ने इस आपातकालीन बैठक की समाप्ति पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि ईरान तब तक परमाणु समझौते में वर्णित अपने वचनों को कम करने का क्रम जारी रखेगा जब तक परमाणु समझौते के उसके हित पूरे नहीं होते।
इस आयोग की पहले वाली बैठक विदेशमंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की सतह पर 28 जून को ऐसी स्थिति में वियना में आयोजित हुई कि ईरान ने यूरोपीय पक्षों के निरंतर उल्लंघों के बाद अपने वचनों के स्तर में कुछ कमी कर दी थी।
ईरान ने यूरोपीय पक्षों को साठ दिन की मोहलत दी थी और यह मोहलत समाप्त होने के बाद सात जुलाई को परमाणु समझौते में वर्णित अपना पहला क़दम उठाया और यूरेनियम संवर्धन तथा भारी पानी के उत्पादन की सीमित्ता को समाप्त करते हुए 3.67 प्रतिशत से अधिक यूरेनियम संवर्धन शुरु कर दिया।
ईरान की संसद मजलिसे शूराए इस्लामी में राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति आयोग के प्रवक्ता सैयद हुसैन नक़वी हुसैनी ने रविवार को पत्रकारों से बात करते हुए परमाणु समझौते के अपने वचनों में कमी की ओर इशारा किया और कहा कि जर्मनी, ब्रिटेन और फ़्रांस जैसे तीन यूरोपीय देशों की ओर से परमाणु समझौते की रक्षा के लिए किए गये वचन पूरे न होने की स्थिति में ईरान निश्चित रूप से अगला क़दम पूरी ताक़त के साथ उठाएगा। (AK)