ईरान को वाशिंग्टन से वार्ता में कोई रुचि नहीं हैः विदेशमंत्री
(last modified Mon, 19 Aug 2019 14:00:30 GMT )
Aug १९, २०१९ १९:३० Asia/Kolkata
  • ईरान को वाशिंग्टन से वार्ता में कोई रुचि नहीं हैः विदेशमंत्री

इस्लामी गणतंत्र ईरान के विदेशमंत्री मुहम्मद जवाद ज़रीफ़ ने कहा कि तेहरान, वाशिंग्टन से वार्ता में कोई रुचि नहीं रखता और हर प्रकार की मध्यस्थ को चाहिए कि वह परमाणु समझौते में अमरीका को वापस लाने पर अपना ध्यान केन्द्रित करे।

उन्होंने सोमवार को फ़िनलैंड के विदेशमंत्री  पेका हैविस्टो के साथ संयुक्त प्रेस कांफ़्रेस में कहा कि अमरीा को सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव क्रमांक 2231 की परिधि में अपने वचनों पर अमल करे क्योंकि अमरीका स्वयं ही इस प्रस्ताव का समर्थक था।

विदेशमंत्री ने इसी प्रकार ब्रिटेन और अमरीका के आदेश पर ईरान के आयल टैंकर को जिब्राल्टर की स्थानीय सरकार द्वारा पकड़े जाने को ग़ैर क़ानूनी क़रार दिया और तेल टैंकर की स्वतंत्रता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि ईरानी तेल टैंकर को हिरासत में लेने पर आधारित अमरीकी न्यायालय का आदेश, राजनीति से प्रेरित था।

इस अवसर पर फ़िनलैंड के विदेशमंत्री ने कहा कि उनका देश ईरान के साथ परमाणु समझौते का बहुत बड़ा समर्थक है। 

इससे पहले इस्लामी गणतंत्र ईरान के विदेशमंत्री डाक्टर मुहम्मद जवाद ज़रीफ़ ने कहा है कि फ़िनलैंड ने पहले भी फ़ार्स की खाड़ी के बारे में बातचीत के लिए एक सुझाव पेश किया था और वह सुझाव लगभग वैसा ही है जो ईरान ने पेश किया है।

विदेशमंत्री डाक्टर मुहम्मद जवाद ज़रीफ़ ने फ़िनलेंड की राजधानी पहुंचने पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि कुछ साल पहले मैं हेल्सेन्की आया था और फ़ार्स की खाड़ी के क्षेत्र में डायलॉग फ़ोरम के सुझाव पर पेश किया था और फ़िनलैंड के अधिकारियों ने हमेशा इन विषयों में रुचि दिखाई है।

ईरानी विदेशमंत्री ने फ़िनलैंड, स्वीडन और नार्वे के अधिकारियों से क्षेत्रीय मामलों के बारे में बातचीत की ओर संकेत करते हुए कहा कि यह तीनों देश ईरान के आसपास के क्षेत्र के मुद्दों के बारे में सक्रिय हैं।

उन्होंने कहा कि स्वीडन ने यमन से संबंधित वार्ता की मेज़बानी की ज़िम्मेदारी निभाई और नार्वे भी अफ़ग़ानिस्तान के बारे में बैठक कराने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय मामलों के बारे में फ़िनलैंड, स्वीडन और नार्वे के अधिकारियों से बातचीत आवश्यक है।

विदेशमंत्री का कहना था कि इस समय क्षेत्र की स्थिति काफ़ी संवेदनशील है और इस संबंध में व्यापक स्तर पर परामर्श की आवश्यकता है। विदेशमंत्री फ़िनलैंड का दौरा पूरा करने के बाद स्वीडन और नार्वे का भी दौरा करेंगे। (AK)