30 दिसंबर मानव इतिहास में मील का पत्थर हैः क़ाज़िम सिद्दीक़ी
हुज्जतुल इस्लाम काज़िम सिद्दीक़ी ने देई महीने की 9वीं तारीख़ बराबर 30 दिसंबर को मानव इतिहास में मील का पत्थर बताया है।
तेहरान के इमामे जुमा ने कहा कि तीस दिसंबर 2009 मानव इतिहास में मील के पत्थर के रूप में याद किया जाएगा। काज़िम सिद्दीक़ी ने जुमे के ख़ुत्बे में कहा कि इस्लामी शासन व्यवस्था को नुक़सान पहुंचाने के लिए उस काल में वर्चस्ववादियों ने हर संभव प्रयास किया था। उन्होंने कहा कि उस समय उपद्रवियों का मुख्य लक्ष्य ईरान को अशांत बनाना, और देश की व्यवस्था को क्षति पहुंचाना था किंतु ईरानी जनता ने बहुत ही दूरदर्शिता से शत्रुओं के षडयंत्रों को विफल बना दिया। हुज्जतुल इस्लाम काज़िम सिद्दीक़ी ने कहा कि शत्रु सदा से उपद्रव और अशांति फैलाते आए हैं। उन्होंने कहा कि शत्रु विभिन्न बहानों से ईरानी जनता के स्वावलंबन को छीनाना चाहता है।
उल्लेखनीय है कि 30 दिसंबर 2009 उस मिलयन मार्च की याद दिलाता है जब देश की जनता ने उन उपद्रवियों के विरुद्ध शांतिपूर्ण प्रदर्शन किये थे जो ईरान के दसवे राष्ट्रपति चुनाव में धांधली के बहाने सड़को पर उपद्रव करने उतरे थे। उन्होंने ग़लत मार्ग का चयन किया जिसका जवाब ईरानी जनता ने बहुत ही दूरदर्शिता से दिया।