अमरीका, दुनिया भर में अलग-थलग हो चुका हैः डाॅक्टर लारीजानी
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इस्लामी गणतंत्र ईरान के संसद सभापति ने अमरीका की वर्चस्ववादी नीतियों की ओर संकेत करते हुए कहा है कि अमरीका, अपनी अतार्किक और ज़ोर ज़बरदस्ती पर आधारित नीतियों की वजह से दुनिया में अलग-थलग हो गया है।
(last modified 2023-04-09T06:25:50+00:00 )
Feb १७, २०२० १७:४७ Asia/Kolkata
  • अमरीका, दुनिया भर में अलग-थलग हो चुका हैः डाॅक्टर लारीजानी

इस्लामी गणतंत्र ईरान के संसद सभापति ने अमरीका की वर्चस्ववादी नीतियों की ओर संकेत करते हुए कहा है कि अमरीका, अपनी अतार्किक और ज़ोर ज़बरदस्ती पर आधारित नीतियों की वजह से दुनिया में अलग-थलग हो गया है।

डॅाक्टर अली लारीजानी ने लेबनान की राजधानी बैरूत में बुद्धिजीवियों के साथ हुई एक भेंट में इस बात पर बल देते हुए कि ईरान पर अमरीकी प्रतिबंध, विभिन्न क्षेत्रों में देश के विकास का कारण बने हैं, कहा कि वर्तमान समय में ईरान ने तेल से हट कर 40 अरब डॅालर से अधिक लागत के उत्पादों का निर्यात किया है। इस्लामी गणतंत्र ईरान के संसद सभापति डॅाक्टर लारीजानी ने इसी प्रकार आर्थिक क्षेत्र में ईरान व लेबनान के मध्य सहयोग की संभावनाओं की ओर संकेत करते हुए कहा कि ईरान कृषि व पेट्रोकेमिकल के क्षेत्रों में अनुभवों के आदान-प्रदान और संयुक्त परियोजनाओं पर काम करने के लिए तैयार है।

 

संसद सभापति ने सेंचुरी डील के बारे में भी कहा कि सेंचुरी डील, मृत जन्मी है और वह सफल नहीं होगी। अली लारीजानी ने इस बात पर बल देते हुए कि ईरान क्षेत्र के सभी अरब देशों से वार्ता के लिए तैयार है, कहा कि इलाक़े के कुछ अरब देश, अमरीका के धोखे में आ गये हैं क्योंकि वे गुप्त वार्ताओं में तो मतभेदों को ख़त्म करने की बात करते हैं लेकिन संचार माध्यमों में आश्चर्यजनक बयान देते हैं। संसद सभापति ने ज़ायोनी शासन द्वारा ईरान को दी जाने वाली धमकियों के बारे में कहा कि ज़ायोनी शासन में ईरान पर हमले का साहस नहीं है और वह सीरिया में खाली घरों पर हमले करके दावा करता है कि ईरान की छावनी पर हमला किया, यह सफ़ेद झूठ है।

 

ईरान के संसद सभापति डॅाक्टर अली लारीजानी ने इसी प्रकार इस बात का वर्णन करते हुए कि जनरल क़ासिम सुलैमानी, आतंकवाद के ख़िलाफ़ युद्ध के अंतर्राष्ट्रीय नायक थे, कहा कि क्षेत्रीय राष्ट्रों की ओर से अमरीकी आतंकवादियों के कायरतापूर्ण अपराध के जवाब के चलते अमरीकियों को पश्चिम एशिया से निकलना ही होगा। (HN)