जब दिहाड़ी मज़दूरों को इमाम रज़ा ने उनकी मज़दूरी दी+ वीडियो
हज़रत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम के रौज़े की ओर से सुबह छह बजे गाड़ियां भिजवाकर दिहाड़ी मज़दूरों को काम देने का कहकर उन्हें इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम के स्टेडियम में जमा किया गया और आगे क्या हुआ आप ख़ुद ही देखें?
ईरान में कोरोना वायरस की वजह से निर्धन वर्ग को बहुत अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है जिनकी मदद के लिए निरंतर अपीलें की जा रही हैं।
ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनई कहते हैं कि धर्म को नज़रअंदाज़ करने की एक निशानी यह है कि इंसान ग़रीबों और वंचितों की ग़ुरबत देखे लेकिन उस पर कोई ध्यान न दे, अपनी किसी ज़िम्मेदारी का एहसास न करे।
ग़रीबी मिटाना और ज़रूरतमंदों की ज़रूरतें पूरी करना इस्लाम का एक स्पष्ट आदेश है। ईरान की इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनई का कहना है कि इस्लामी समाज से ग़रीबी मिटाना केवल सत्ता में बैठे लोगों की ज़िम्मेदारी नहीं बल्कि इस अभियान में हर इंसान को शामिल होना चाहिए।
सुप्रीम लीडर ने 15 शाबान को टीवी से लाइव प्रसारित होने वाले अपने बयान में कहा कि रमज़ान के पवित्र महीने में समाज के ज़रूरतमंदों और ग़रीबों से हमदर्दी और उनकी मदद का एक व्यापक अभ्यास शुरू होना चाहिए।
वरिष्ठ नेता के इस आदेश पर अमल करते हुए ईरान की अनेक मस्जिदों और सांस्कृतिक केन्द्रों ने पवित्र रमज़ान में निर्धनों और ग़रीबों की मदद का काम शुरु कर दिया। (AK)