ईरान और अमरीका के बीच मूलभूत मतभेद हैंः ज़रीफ़
(last modified Sat, 23 Jan 2021 13:13:58 GMT )
Jan २३, २०२१ १८:४३ Asia/Kolkata
  • ईरान और अमरीका के बीच मूलभूत मतभेद हैंः ज़रीफ़

ईरान के विदेशमंत्री ने कहा है कि हमारी और अमरीका की पहचान अलग-अलग है और दोनों के बीच मूलभूत मतभेद हैं।

मुहम्मद जवाद ज़रीफ़ ने कहा कि हम एक सभ्यता का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहा कि अमरीका चाहता है कि हम अपनी सभ्यता को छोड़कर एक अन्य अस्तित्व में बदल जाएं। एतेमाद समाचारपत्र को दिये इन्टरव्यू में ईरान के विदेशमंत्री ने कहा कि हमको परस्पर सम्मान के आधार पर पड़ोसियों के बारे में नीतियां बनानी चाहिए। एक बड़े देश के नाते ईरान को चाहिए कि वह इस मार्ग पर क़दम आगे बढ़ाए। ज़रीफ़ का कहना था कि हमें यह आशा नहीं करनी चाहिए कि हमारे पड़ोसी भी हमारी तरह इस मामले में व्यवहार करेंगे।

 

विदेशमंत्री जवाद ज़रीफ ने कहा कि सद्दाम ने जब यह सोचा कि क्षमता के हिसाब से ईरान कमज़ोर है तो उसने ईरान पर युद्ध थोप दिया। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय देशों ने भी सद्दाम की सहायता करके ईरान के विरुद्ध एक प्रकार से युद्ध आरंभ कर दिया और सऊदी अरब का कहना है कि उसने इस युद्ध में सद्दाम को 75 अरब डाॅलर की सहायता की। विदेशमंत्री का कहना था कि अब्दुल्लाह बिन अब्दुल अज़ीज़ ने, जो उस समय सऊदी अरब के युवराज थे, अमरीकियों से कहा था कि इस सांप अर्थात ईरान का सिर कुचल दो।

 

मुहम्मद जवाद ज़रीफ़ का कहना था कि ईरान ने प्रतिरोध को आधार बनाकर विस्तारवाद का मुक़ाबला किया। उन्होंने कहा कि यह काम, शक्ति का कारण बना। उन्होंने कहा कि हमने सीमाओं के विस्तार के प्रयास नहीं किये। विदेशमंत्री ने बताया कि ईरान, सीरिया में आदेश देने नहीं बल्कि समर्थन के लिए है और वह हिज़बुल्लाह को कोई भी आदेश नहीं देता और न ही वह यह काम कर सकता है। विदेश मंत्री ने कहा कि अगर हम इस शैली को अपनाते तो न केवल यह कि हम सफल नहीं होते बल्कि भाड़े के सैनिकों की तरह प्रयोग होने वाले बन जाते।

 

ईरान के विदेशमंत्री ने कहा कि यह एक वास्तविकता है कि हमारे अलावा अगर किसी दूसरे देश को वे प्रतिबंध केवल दो वर्षों तक सहने पड़ते, जो हम सह रहे हैं तो वहां की सरकार गिर चुकी होती। हालांकि अमरीकी यही सोच रहे थे कि ईरान की व्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारे पड़ोस के एक देश पर एक छोटा सा प्रतिबंध लगा दिया गया था तो उसकी राष्ट्रीय मुद्रा की क़ीमत घटकर आधी हो गई थी। विदेशमंत्री जवाद ज़रीफ़ ने कहा कि ट्रम्प ने ईरान के विरुद्ध जो प्रतिबंध लगाए वे शैतान की कल्पना से भी परे थे।

 

ईरानी विदेशमंत्री मुहम्मद जवाद ज़रीफ़ का कहना था कि इस दौरान यूरोपियों ने यह दर्शा दिया कि प्रतिबंधों को हटवाने के बारे में वे कुछ भी नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि मैंने भी यूरोपियों से कहा था कि यूरोपीय कंपनियां, इससे पहले कि अपनी राजधानियों को देखें, वाशिंग्टन की ओर नज़र डालती हैं। ज़रीफ़ ने कहा कि यह वह समस्या है जिसके बारे में यूरोप को फैसला करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी कंपनियां, केवल हमें देखती हैं जबकि यूरोपीय कंपनियां, यूरोप की स्वतंत्रता और संप्रभुता को मान्यता नहीं देतीं।

 

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