अमरीकी पैंतरेबाज़ी पर ईरान का सीधा सा जवाब
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सईद ख़तीबज़ादे ने इस बात पर बल देते हुए कि परमाणु समझौते जेसीपीओए में अमरीका का लौटना ख़ुद उसी पर निर्भर है, कहा कि जेसीपीओए उस वक़्त पटरी पर आएगा जब अमरीका ज़रूरी राजनैतिक फ़ैसला लेगा।
सईद ख़तीबज़ादे ने ट्वीट कियाः “एनबीसी से इंटरव्यू में हमने साफ़ तौर पर कहा है कि जेसीपीओए में अमरीका का लौटना 100 फ़ीसदी उसी पर निर्भर है।”
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अमरीका को यह बात समझनी होगी कि रिआयत लेने का दरवाज़ा उसी वक़्त बंद हो गया था जब जनवरी 2015 में अमरीका ने दस्तख़त किए थे।
ग़ौरतलब है कि अमरीका वियना वार्ता के ज़रिए ऐसी हालत में परमाणु समझौते में विशिष्टता लेने की कोशिश में है कि वह इस समझौते से निकल चुका है और उसने अपने किसी भी वादे पर अमल नहीं किया है।
ईरान का कहना है कि अमरीका पहले जेसीपीओए के तहत ईरान के ख़िलाफ़ सभी पाबंदियों के हटाए, ईरान पाबंदियों के हटने के सत्यापन के बाद, उन सभी क़दमों से पीछे हट जाएगा जो उसके परमाणु समझौते के 26वें और 36वें अनुच्छेद के तहत उठाए हैं।
वाइट हाउस की प्रवक्ता जेन साकी ने शुक्रवार की रात को प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा है कि सिर्फ़ उस वक़्त पाबंदियां हटेंगी जब ईरान अपनी परमाणु प्रतिबद्धताओं की ओर लौटे। यह ऐसी हालत में है कि तेहरान ने, अमरीका के परमाणु समझौते से मई 2018 में निकलने और ईरान के ख़िलाफ़ पाबंदियां लगने के बाद, जेसीपीओए के अनुच्छेद 26 और 36 के तहत कुछ क़दम उठाए हैं। (MAQ/N)
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