अमरीका कई बार ईरान से हारा, राष्ट्रपति रूहानी ने पेश किया सबूत
(last modified Wed, 02 Jun 2021 12:41:03 GMT )
Jun ०२, २०२१ १८:११ Asia/Kolkata
  • अमरीका कई बार ईरान से हारा, राष्ट्रपति रूहानी ने पेश किया सबूत

राष्ट्रपति डॉक्टर हसन रूहानी ने कहा है कि वियना में अमरीकियों के साथ मुख्य मुद्दे हल हो गए हैं सिर्फ़ छोटे-मोटे बिन्दु बचे हैं।

डॉक्टर हसन रूहानी ने बुधवार को मंत्रीमंडल की बैठक में यह बात कही। उन्होंने 42 साल पहले इस्लामी क्रान्ति के संस्थापक इमाम ख़ुमैनी द्वारा दिए गए भाषण का ज़िक्र करते हुए कहा कि उस भाषण से पूरे ईरान में बड़ी लहर पैदा हुयी क्योंकि इस्लामी क्रान्ति में इमाम ख़ुमैनी के विचारों का आधार आम जनता थी और इमाम क्रान्ति के लिए जनता में जागरुकता को मूल बिन्दु मानते थे।

उन्होंने ईरानी कैलेंडर के तीसरे महीने ख़ुर्दाद की 14 और 15 तारीख़ को जो 4 और 5 जून को है, देश के इतिहास में निर्णायक दिन बताया। डॉक्टर रूहानी ने कहा कि ख़ुर्दाद की 15 तारीख़ को इमाम ख़ुमैनी को गिरफ़्तार करके तेहरान लाया गया था और जेल की अकेली सेल में बंद किया गया था। अगर विभिन्न शहरों में जनता बाहर न निकली होती तो पता नहीं देश और क्रान्ति के भविष्य का क्या होता।

ईरानी राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी सरकार के उपाय से ट्रम्प ख़ुद को अलग थलग पड़ने से नहीं बचा पाए। उन्होंने कहा कि ट्रम्प परमाणु समझौते जेसीपीओए से निकल कर अकेले पड़ गए और क्षेत्र के एक रूढ़ीवादी देश और ज़ायोनी शासन के सिवा किसी ने उनका साथ न दिया।

डॉक्टर रूहानी ने कहा कि कुछ देशों को छोड़ सभी देशों ने ट्रम्प की जेसीपीओए से निकलने पर निंदा की। उन्होंने कहा कि अगर उनकी सरकार विश्व जनमत और दुनिया के बड़े नेताओं को मनवाने में सफन न हुयी होती तो यह घटना न हो पाती। यह ईरान के इतिहास में बड़ा कारनामा है।

ईरानी राष्ट्रपति ने अमरीकियों के उस बयान का हवाला देते हुए जिसमें अमरीकियों ने कहा था कि हमने जेसीपीओए से निकल कर ईरान पर पाबंदी लगायी ताकि व्यवस्था गिर जाए, कहा कि क्या वे ऐसा कर सके। उन्होंने कहा था तीन महीने, फिर कहा चार महीने और कहा छह महीने बाद। जब देखा कुछ नहीं हुआ तो वार्ता की मेज़ पर लौट आए। ट्रम्प ने पूर्वी एशिया के अपने अहम अधिकारी को सुप्रीम लीडर के पास बातचीत के लिए भेजा। ख़ुद मुझसे कई बार बातचीत का अनुरोध किया। क्या यह अमरीकियों की हार के अर्थ में नहीं हैॽ

डॉक्टर रूहानी के कहा कि अमरीकी सोच रहे थे कि व्यवस्था हार जाएगी और उनके लिए रेड कार्पेट बिछाएगी। उन्होंने कहाः राष्ट्र की जागरुकता, धैर्य और दृढ़ता से उनकी हार हुयी। लोगों ने 4 साल धैर्य से काम लिया। आज वियना में बातचीत अच्छी तरह आगे बढ़ रही है तो यह जनता के सब्र का नतीजा है। हमारी जीत राष्ट्र के सब्र और दृढ़ता, सरकार के उपाय और सुप्रीम लीडर की गाइडलाइन की देन है। उन्होंने कहा कि जीत फ़्री में नहीं मिलती। बड़ी क़ीमत चुकानी पड़ी। सरकार ने जनता के साथ एक एक क़दम फूंक फूंक कर उठाए।   (MAQ/N)

 

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