Aug ३०, २०२३ १९:४१ Asia/Kolkata
  • चांद की तरह चंद्रयान-3 भी दाग़दार!

जिस तरह दुनिया के लोग ज़मीन पर रहकर चांद की ख़ूबसूरती की दिवाने होते हैं उसी तरह इस समय पूरी दुनिया में चंद्रयान-3 की कामयाबी पर हर ओर ख़ुशियां मनाई जा रही हैं। हर भारतीय गर्व से अपना सिर ऊंचा किए हुए हैं। लेकिन जैसे-जैसे चांद के क़रीब दिनिया पहुंची तो उसे पता चला के ज़मीन से ख़ूबसूरत दिखने वाला चांद वास्तव में वैसा नहीं है जैसी कल्पना की जाती है।

चंद्रयान-3 ने चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरकर एक इतिहास रच दिया है। इसके साथ ही चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन गया है। रोवर 'प्रज्ञान' चांद पर लगातार चहलक़दमी कर रहा है। वहीं इस मून मिशन ने हर भारतीय का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। लेकिन इस बीच एक ऐसी ख़बर सामने आ रही है कि जिसने चांद की तरह चंद्रयान-3 मिशन पर भी दाग़ लगा दिया है। बात कुछ यूं है कि चंद्रयान-3 के कामयाब मिशन के बाद कोई फुटपाथ पर लिट्टी-चोखा का ठेला लगाए हुए दिखाई दे रहा है तो कोई लोन पर लिया गया ऑटो चला रहा है। किसी ने पार्ट टाइम फूड डिलीवरी ब्वॉय की नौकरी पकड़ ली है तो किसी ने मोमो-बर्गर की स्टॉल लगा ली है। ये वो लोग हैं, जिन्होंने चंद्रयान-3 के लिए लॉचिंग पैड सहित कई उपकरण बनाए हैं। इसरो के अगले प्रोजेक्ट गगनयान के लॉचिंग पैड और कई उपकरण बनाने का असाइनमेंट भी रोज़ी-रोटी के लिए संघर्ष कर रहे इन्हीं लोगों के भरोसे पूरा होना है। ये लोग एचईसी (हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन) नामक उस पब्लिक सेक्टर उपक्रम के कर्मी हैं, जो देश में मदर ऑफ ऑल इंडस्ट्रीज़ के रूप में मशहूर रहा है। रांची में हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन का उद्घाटन देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 15 नवंबर 1963 को दीपावली के दिन किया था। लेकिन, आज इसके विशाल कारखानों के परिसरों में उदासी और मायूसी का गहरा अंधकार है।

क़रीब 22 हज़ार कर्मचारियों के साथ शुरू हुई कंपनी में अब 3400 कर्मचारी-अधिकारी हैं। कंपनी पर कर्ज़ और बोझ इस क़दर है कि इन्हें 17-18 महीने से वेतन नहीं मिला है। सरकार जहां चंद्रयान-3 की कामयाबी पर गदगद है और उसे आम चुनाव 2024 में अपने पक्ष में भूनाने के लिए अभी से प्रयास आरंभ कर दिए हैं। वहीं बता दें कि एचईसी के ऊपर वर्तमान में 1200 करोड़ से ज़्यादा की देनदारियां हैं, जिसमें हर रोज़ बढ़ोतरी हो रही है। जो देनदारियां हैं, उसमें वेंडरों के 140.11 करोड़, सरकार का कर्ज़ 117.58 करोड़, बैंक लोन 202.93 करोड़, सीआईएसएफ का 121 करोड़, बिजली बिल मद में 153.83 करोड़, वेतन मद में 38.28 करोड़, ठेका कर्मियों का 15.94 करोड़, एरियर मद में 4.89 करोड़, पानी शुल्क मद में 48.06 करोड़, सिक्यूरिटी डिपॉजिट 37.89 करोड़ सहित अन्य मदों में 37.45 करोड़ रुपए शामिल हैं। 31 मार्च 2023 को एचईसी प्रबंधन ने अपनी देनदारियों की जानकारी भारी उद्योग मंत्रालय को देते हुए आर्थिक सहयोग की गुहार लगाई थी, लेकिन केंद्र सरकार ने पहले ही मदद से इनकार कर दिया है। चंद्रयान-3 की बेहतरीन कामयाबी के पीछे जिनका रोल है वह अब यह नहीं समझ पा रहे हैं कि इस कामयाबी पर वह ख़ुश हों या फिर अपनी बदहाली पर आंसू बहाएं। (RZ)

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