इस्राईली क़ैदियों के परिजनों ने ग़ज़्ज़ा युद्ध के ख़िलाफ़ और अपने रिश्तेदारों की रिहाई के लिए तेल अवीव में ज़ायोनी प्रधानमंत्री नेतनयाहू के घर के बाहर ज़ोरदार विरोध प्रदर्शन किया है।
इस्राईली क़ैदियों के परिजनों ने ग़ज़्ज़ा युद्ध के ख़िलाफ़ और अपने रिश्तेदारों की रिहाई के लिए तेल अवीव में विरोध प्रदर्शन किया है।
ग़ज़ा की जंग में अब तक ज़ायोनी सेना के हज़ारों सैनिक हमेशा के लिए अपंग हो चुके हैं। इस्राईली मीडिया का कहना है कि सरकारी सूत्र यह संख्या 4000 बता रहे हैं लेकिन हक़ीक़त यह है कि यह संख्या 30 हज़ार से ज़्यादा है।
नेतनयाहू को अब अपनी कुर्सी जाने का डर खाए जा रहा है।
नेतनयाहू ने एली कोहेन को उनके पद से हटा दिया है।
एमन अस्सफ़दी कहते हैं कि सुरक्षा परिषद के क्रियाकलापों ने विश्व व्यवस्था के दोमुखी चेहरे को सबके सामने रख दिया है।
ज़ायोनी शासन के प्रधानमंत्री बिनयामिन नेतनयाहू के ख़िलाफ़ प्रदर्शन तेज़ हो गए हैं। यह प्रदर्शन प्रधानमंत्री आवास के बाहर हो रहे हैं जिसके दौरान सुरक्षा बलों से प्रदर्शनकारियों की धक्का-मुक्की और कई प्रदर्शनकारियों की गिरफ़तारियों की ख़बरें हैं।
नेतनयाहू को अब एक के एक बाद एक करके लगातार पराजय का मुंह देखना पड़ रहा है।
हमास के हाथों क़ैद किए जाने वाले इस्राईलियों के परिवारों ने ज़ायोनी शासन के प्रधान मंत्री बिनयामिन नेतनयाहू की स्पीच के दौरान संसद में जम कर हंगामा किया।
हमास की क़ैद से रिहा होने वाली इस्राईली महिला क़ैदी के बयान से नेतनयाहू सरकार के लिए एक और मुसीबत खड़ी हो गई है।