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ग़ज़्ज़ा युद्ध और मीडिया का गिरता स्तर, सच से दूर लेकिन इस्राईल के साथ, तेलअवीव में बजने वाले सायरनों की आवाज़ें सुनने वालों को फ़िलिस्तीनी बच्चों और माओं की चीख़ें सुनाई नहीं देती!
Oct २८, २०२३ १९:२२सात दशकों से जिस प्रकार पश्चिमी एशिया में मौजूद अवैध इस्राईली शासन फ़िलिस्तीनी बच्चों का नरसंहार कर रहा, इस देश के लोगों की मातृभूमि पर जिस तरह से अवैध क़ब्ज़ा करता जा रहा है और अब वह यह चाहता है कि इस पूरे इलाक़े में फ़िलिस्तीन नाम का कोई देश न रहे। वहीं उसके इस आतंकवाद के ख़िलाफ़ संघर्ष करने वाले लोग ही आज दुनिया की नज़र में आतंकी हो गए हैं। साथ ही उन्हें लाखों बच्चों और महिलाओं के नरसंहार की कोई तस्वीर नहीं दिखाई दे रही है।
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अकेले दौड़कर पहले स्थान पर आना चाहती हैं आजकल की सरकारें! लोकतंत्र का दावा करने वाले केवल सरकारी तंत्र के हैं सहारे
Oct १७, २०२३ १९:३९आजकल अगर पूरी दुनिया पर नज़र डाली जाए तो शायद ही कुछ देश ही मिलेंगे कि जहां सरकार लोकतांत्रिक व्यवस्था से चल रही है। नहीं तो ज़्यादातर देशों और राज्यों की स्थिति देखने से पता चलता है कि वहां की सरकारें केवल और केवल सरकारी तंत्र और बल के सहारे ही अपना काम कर रही होती हैं। उदाहरण के तौर पर देश का संविधान यह कहता है कि अगर कोई शांति के साथ अपनी मांगों को लेकर विरोध-प्रदर्शन करना चाहता है तो उसको इस बात की पूरी आज़ादी होगी। लेकिन ज़मीन पर बिल्कुल ऐसा नहीं है।
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फ़िलिस्तीन अभी ज़िन्दा है, अलअक़्सा तूफ़ान ने बहुत सारी तस्वीरों को किया साफ़, एक झटके में नेतन्याहू का सपना हुआ चकनाचूर!
Oct १७, २०२३ १६:५४एक ओर 75 वर्षों से फ़िलिस्तीनी जनता का ख़ून बहाने वाला अवैध आतंकी शासन इस्राईल है और दूसरी ओर सात दशक पहले दर-दर भटक रहे यहूदियों को सिर छिपाने के लिए अपनी जगह देने वाले दयालु, बाहदुर, धैर्यवान और इस समय दुनिया की सबसे पीड़ित फ़िलिस्तीनी जनता है। हंसी के साथ-साथ शर्म आती है उन नेताओं, पत्रकारों और संस्थाओं पर जो फ़िलिस्तीन के संघर्षकर्ताओं को आतंकवादी और इस्राईली आतंकियों को आत्मरक्षा करने वाले सिपाही बता रहे हैं।
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आतंकवाद से मुक़ाबले के नाम पर आतंक के सबसे बड़े समर्थक बने अमेरिका और यूरोपीय देश! हमास और इस्राईल युद्ध में बिकाऊ मीडिया की भी खुली पोल
Oct १६, २०२३ १९:०३हमास और इस्राईल के बीच भयानक युद्ध चल रहा है। इस युद्ध के नुक़सान का अंदाज़ा भी नहीं लगाया जा सकता। नुक़सान दोनों तरफ हो रहा है। फ़र्क़ सिर्फ इतना है कि इस्राईल के पास नवीनतम हथियार, लाखों प्रशिक्षित सैनिक, एक रक्षा प्रणाली के साथ-साथ विश्व शक्तियां उसका समर्थन कर रही हैं। दूसरी तरफ, केवल हमास है, जिसके पास हज़ारों सैनिक हैं। कोई नई तकनीक नहीं, कोई नए हथियार नहीं, कोई रक्षा प्रणाली नहीं।
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हमास के एक हमले में इस्राईल की खुली पोल, मदद के लिए फैलाए हाथ, हथियारों का ज़ख़ीरा लेकर पहुंचा अमेरिकी विमान
Oct ११, २०२३ १८:३८फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हमास के एक हमले में इस्राईल रेत के पहाड़ की तरह ढह गया है। कल तक अपनी सैन्य शक्ति का गुणगान करने वाला अवैध आतंकी ज़ायोनी शासन आज इतना बेबस नज़र आ रहा है कि उसने अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों से मदद की गुहार लगाई है।
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युद्ध के मैदान में आख़िर ऐसा क्या हुआ था कि शहीद जनरल क़ासिम को आ गया था ग़ुस्सा? इराक़ी पत्रकार ने क़ुद्स ब्रिगेड के पूर्व कमांडर के साथ बिताए पलों को किया बयान
Oct १०, २०२३ १६:४४ईरान के महान योद्धा शहीद जनरल क़ासिम सुलेमानी युद्ध के मैदान में अपनी बहादुरी के लिए दुनियाभर में जाने जाते थे। उन्होंने इराक़ और सीरिया को तकफ़ीरी आतंकी गुटों, विशेषकर दाइश जैसे ख़ूख़ार आतंकवादी गुट के ख़िलाफ़ लड़ाई में जीत हासिल करने में मदद के लिए बतौर शीर्ष सैन्य सलाहकार उल्लेखनीय भूमिका निभाई थी।
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ईरानी राष्ट्रपति ने पश्चिम के दिखाया आईना, हर तरह के अधिकारों का उल्लंघन करने वाले हथकंडे के रूप में कर रहे हैं महिला अधिकार का इस्तेमाल
Oct ०२, २०२३ १७:२१इस्लामी गणराज्य ईरान के राष्ट्रपति ने "ख़ुर्शीद मीडिया फेस्टिवल" में भाग लेने वालों को संबोधित करते हुए इस बात पर बल दिया है कि महिलाओं के अधिकारों के बारे में पश्चिम का दावा केवल प्रोपेगंडा और राजनीतिक हथकंडा है।
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वीडियो रिपोर्टः शाह चिराग़ पर हुए आतंकवादी हमले की आतंकी अमेरिकी सरकार के अलावा सबने की निंदा! गुटेरेस ने कहा दोषियों को दी जाए कड़ी से कड़ी सज़ा
Aug १६, २०२३ १२:३५ईरान में शाह चिराग़ के पवित्र रौज़े पर हुए आतंकवादी हमले के बाद अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता और इसी तरह व्हाइट हाउस की प्रवक्ता ने एक प्रेस कान्फ्रेंस में भाग लिया था ... उन्होंने ईरान के 6 अरब डॉलर की रूकी हुई संपत्ति को आज़ाद किए जाने समेत कई अन्य मुद्दों पर बातचीत की ... साथ ही क़ैदियों के अदान-प्रदान के बारे में भी अपना स्टैंड रखा। लेकिन इस दौरान दोनों ही प्रवक्ताओं ने ईरान में हुए आतंकवादी हमले के बारे में एक भी शब्द नहीं बोला ...हालांकि शीराज़ में हुए आतंकवादी हमले के बारे कुछ ...
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पत्रकार दिवस समारोह में राष्ट्रपति रईसीः सरकार ने किसी भी पत्रकार और किसी भी मीडिया संस्थान के ख़िलाफ़ शिकायत नहीं की
Aug ०८, २०२३ १८:०९इस्लामी गणराज्य ईरान के राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी ने कहा कि वो मीडिया में बहुत कुछ देखते हैं मगर आज तक किसी पत्रकार या मीडिया संस्थान की शिकायत नहीं की।
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प्रेस की स्वतंत्रता भी है मानवाधिकारों का ही एक हिस्साः गुटेरस
May ०३, २०२३ १३:४९तीन मई, मीडिया या प्रेस की स्वतंत्रता का विश्व दिवस है।