मानवाधिकारों और महिलाओं के अधिकारों का ढ़िंढोरा पीटने वाले पश्चिमी संगठन बहुत से स्थानों पर महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचरों पे मौन क्यों धारण कर लेते हैं।
अफगानिस्तान के पूर्व डिप्टी स्पीकर ने कहा कि हर दिन कम से कम एक या दो महिलायें अवसर की कमी और मानसिक स्वास्थ्य के दबाव के कारण आत्महत्या कर रही हैं और कम उम्र की लड़कियों को आर्थिक दबाव के कारण बेचा जा रहा है।