यमन में भारी तबाही, युद्ध अपराध के नये आयाम उजागार
यमन के "एनुल इंसानिया" कानूनी केंद्र ने इस देश में मारे जाने वालों के साथ इस देश पर हमलावर सऊदी-इमाराती गठबंधन के हमलों के कारण हुई क्षति और विनाश की सीमा के चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए हैं जो कि यमन में इस गठबंधन और उसके समर्थकों के युद्ध अपराधों का एक छोटा का हिस्सा है। यह आंकड़े इस देश में जारी युद्ध अपराध में पश्चिमी और ज़ायोनी घटकों की संलिप्तता को उजागर करते हैं।
इसके साथ ही तथाकथित मानवाधिकारों के मुद्दों पर विश्व समुदाय के अर्थपूर्ण मौन को भी चुनौती देती है और सऊदी-इमाराती गठबंधन और उसके पश्चिमी और ज़ायोनी समर्थकों तथा संयुक्त राष्ट्र संघ को भी जवाबदेह बनाती है।
यमन के इस क़ानूनी केंद्र की दस्तावेजी रिपोर्ट के अनुसार, यमन युद्ध के 2800 दिनों के दौरान, 18 हज़ार 13 यमनी शहीद हुए जबकि 29 हजार 660 अन्य घायल हुए। इसमें 4061 बच्चे शहीद हुए और 4739 बच्चे घायल हुए जबकि 2454 महिलाएं शहीद हुईं और 2966 महिलाएं घायल हुईं।
इस अवधि के दौरान, आक्रमणकारी गठबंधन के हमलों के परिणामस्वरूप, 5 लाख 98 हजार 737 घर, 182 विश्वविद्यालय के बुनियादी ढांचे, 1679 मस्जिदें, 379 पर्यटन के बुनियादी ढांचे, 415 अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र, 1242 स्कूल और शैक्षणिक केंद्र, 140 खेल के बुनियादी ढांचे, 255 ऐतिहासिक स्थान, 61 मीडिया के आधारभूत ढांचे, 10 हजार 803 कृषि भूमि, 15 हवाई अड्डे, 16 बंदरगाह, 344 बिजली संयंत्र, 7099 सड़कें और पुल, 616 नेटवर्क और संचार स्टेशन, 2974 जलाशय और जल नेटवर्क, 2101 सरकारी अवसंरचना, 407 कारखाने, 385 ईंधन टैंकर, 12 हजार 30 वाणिज्यिक बुनियादी ढांचे और 454 पशुधन और पक्षी प्रजनन केंद्रों को नष्ट कर दिया गया और 10,112 वाहन, 998 खाद्य ट्रक, 700 बाजार, 485 मछली पकड़ने वाली नौकाएं, 1014 खाद्य गोदामों और 425 गैस स्टेशनों पर आक्रमणकारी गठबंधन द्वारा हमला किया गया और इन्हें नष्ट कर दिया गया। इस चौंकाने वाले आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि आक्रमणकारी गठबंधन की रणनीति यमन को तबाह हुई धरती में बदलने की थी।
यमन के इस क़ानूनी केंद्र की दस्तावेजी रिपोर्ट में एक उल्लेखनीय बिंदु की ओर इशारा किया गया है कि हताहतों और हमलों से होने वाले ज़्यादातर नुक़सान आम जनता को हुआ है और सैन्य केन्द्रों और टारगेट को ज़्यादा मुख्य रूप से निशाना नहीं बनाया गया जिससे यह साबित होता है कि शुरू से ही हमलावर गठबंधन का यमन को नष्ट करने और यमनी नागरिको को उनकी ही धरती में विस्थापित करने के अलावा कोई अन्य लक्ष्य नहीं था।
यमन के ख़िलाफ आक्रमण का लक्ष्य शुरू में अब्दो रब्बो मंसूर हादी की इस्तीफ़ा दे चुकी सरकार का समर्थन करना था और इसीलिए उसने यह कहा था कि यमन पर हमले का कारण मंसूर हादी की सरकार द्वारा मदद का अनुरोध है लेकिन समय के साथ यह यह स्पष्ट हो गया कि हमलावर गठबंधन और उसके पश्चिमी व ज़ायोनी समर्थकों ने हितों के एक पूर्व-निर्धारित विभाजन के आधार पर यमन पर हमला किया। (AK)
हमारा व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए क्लिक कीजिए
हमारा टेलीग्राम चैनल ज्वाइन कीजिए