परिवेष्टन समाप्त कराने के लिए यमनियों ने निकाली महारैली
सऊदी गठन बंधन द्वारा यमन के परिवेष्टन का यमन वासियों ने खुलकर विरोध किया है।
यमन के लाखों लोगों ने इस देश की राजधानी सनआ सहित अन्य नगरों में सड़कों पर निकलकर सऊदी गठबंधन की ओर से किये गए अपने देश के परिवेष्टन की भर्त्सना की है।
यमन के अनेक दलों ने यमनी राष्ट्र के विरुद्ध जारी सऊदी गठबंधन के परिवेष्टन पर कड़ी चेतावनी दी है। युद्ध और परिवेष्ट वे दो कारक हैं जिन्होंने यमनी जनता को मानवीय संकट तक पहुंचा दिया है। युद्ध जहां पर यमन में आधारभूत ढांचे को नुक़सान पहुंचाने, हज़ारों लोगों की जान जाने और लाखों लोगों के पलायन का कारण बना है तो वहीं पर इस देश के परिवेष्टन ने यनम को बहुत नुक़सान पहुंचाया। सऊदी गठबंधन द्वारा किया गया यह परिवेष्टन यमन में मूलभूत वस्तुओं में कमी और भुखमरी का कारण बना है।
जहां पर यमन युद्ध से 17 हज़ार यमनी मारे गए वहीं पर इस देश के परिवेष्टन के कारण 90 हज़ार से अधिक यमनवासी काल के गाल में समा चुके हैं। सनआ के राज्यपाल मुहम्मद जाबिर कहते हैं कि देश का परिवेष्ट युद्ध से भी अधिक ख़तरनाक है। यमन के एयरपोर्ट और वहां की बंदरगाहों के बंद होने के कारण इस देश में मानवताप्रेमी सहायता भी नहीं आ पा रही है। वहां के बीमारों के लिए दवाएं भी बाहर से नहीं आ सकतीं क्योंकि सारे रास्ते बंद हैं। अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं के हिसाब से यमन में कम से कम दो करोड़ लोग इस समय भुखमरी की कगार पर हैं। एसे में इस देश का परिवेष्टन यमन के लिए बहुत ही भयानक मानव त्रासदी पैदा कर सकता है जिसका अधिकांश शिकार बच्चे और महिलाएं होंगे।
परिवेष्टन के विरोध में यमन वासियों के प्रदर्शन को इस देश को इस समस्या से मुक्ति दिलाने के लिए आले सऊद सरकार पर दबाव के रूप में देखा जा रहा है। संयुक्त राष्ट्रसंघ की मध्यस्थता से 2 अप्रैल 2022 को यमन में युद्धरत पक्षों के बीच संघर्ष विराम कराया गया था। हालांकि सऊदी शासन ने परिवेष्टन समाप्त करने से इन्कार कर दिया था। वैसे इसको बहुत ही कम समय के लिए समाप्त भी किया गया किंतु फौरन ही उसे फिर से लागू कर दिया गया। यही कारण है कि यमन की सरकार का मानना है कि इस प्रकार के संघर्ष विराम से यमन की जनता को कोई लाभ नहीं है। यमन वासियों ने अपने देश के परिवेष्टन के विरोध में देश व्यापी रैलियां निकाल कर यह संदेश दे दिया है कि वे आक्रमणकारियों का मुक़ाबला करने के लिए तैयार हैं।
यह तो सर्वविदित है कि अमरीका के समर्थन से सऊदी अरब ने मार्च 2015 को यमन के विरुद्ध सैन्य कार्यवाही शुरू की थी। यमन युद्ध में 11 हज़ार लोग मारे जा चुके हैं जबकि इस युद्ध के कारण इस देश के लाखों लोग पलायन करने पर विवश हुए हैं। इस समय यमन में लाखों लोग खाद्य पदार्थों और मूलभूत चिकित्सा सेवाओं से वंचित हैं। कुछ मिलाकर थोपे गए युद्ध और परिवेष्टन के कारण इस समय यमन एक अभूतपूर्व मानवीय संकट की ओर तेज़ी से बढ़ता जा रहा है।
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