सन 2024 भी मौतों का ही साल होगाः अस्सफदी
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एमन अस्सफ़दी कहते हैं कि सुरक्षा परिषद के क्रियाकलापों ने विश्व व्यवस्था के दोमुखी चेहरे को सबके सामने रख दिया है।
(last modified 2024-01-01T05:45:00+00:00 )
Jan ०१, २०२४ ११:१५ Asia/Kolkata
  • सन 2024 भी मौतों का ही साल होगाः अस्सफदी

एमन अस्सफ़दी कहते हैं कि सुरक्षा परिषद के क्रियाकलापों ने विश्व व्यवस्था के दोमुखी चेहरे को सबके सामने रख दिया है।

जार्डन के विदेशमंत्री के अनुसार ग़ज़्ज़ा के संबन्ध में सुरक्षा परिषद की निष्क्रियता ने अन्तर्राष्ट्रीय व्यवस्था के दोहरे मानदंड को स्पष्ट कर दिया।

एमन अस्सफ़दी ने कहा कि ग़ज़्ज़ा युद्ध को रुकवाने के लिए संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद की ओर से क़दम न उठाए जाने से विश्व व्यवस्था के डबल स्टैंडर्ड का पता चलता है। 

जार्डन के विदेशमंत्री ने लिखा है कि सन 2023 के दौरान इस्राईल ने बहुत ही ख़तरनाक युद्ध अपराध किया और सुरक्षा परिषद ने इस अपराध को रुकवाने के लिए कोई भी क़दम नहीं उठाया।  उन्होंने कहा कि सन 2024 भी मौतों का साल होगा। 

अस्सफ़दी का कहना है कि अगर ग़ज़्ज़ा को नष्ट करने, लेबनान और जार्डन नदी के पश्चिमी तट को आग में झोंकने तथा पश्चिम को युद्ध में ढकेलने जैसे नेनतयाहू के कार्यक्रमों को रोका नहीं जाता है तो सन 2024 भी मौतों का ही साल होगा।

इसी बीच रविवार की रात में जार्डन में अमरीका के विरोध में प्रदर्शन किये गए।  जार्डन के प्रदर्शनकारी, ग़ज़्ज़ा युद्ध में अमरीका द्वारा अवैध ज़ायोनी शासन के समर्थन की निंदा करते हुए राजधानी ओमान में अमरीका के दूतावास के बाहर एकत्रित हुए।  प्रदर्शनकारी अमरीका, इस्राईल मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे।  जार्डन की जनता भी फ़िलिस्तीनियों के समर्थन में इससे पहले भी प्रदर्शन कर चुकी है।

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