यमन के विरुद्ध सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव पारित
(last modified Thu, 11 Jan 2024 06:25:08 GMT )
Jan ११, २०२४ ११:५५ Asia/Kolkata
  • यमन के विरुद्ध सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव पारित

यमन के अंसारुल्ला आन्दोलन ने राष्ट्रसंघ के प्रस्ताव को राजनीतिक खेल बताया है

संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद ने अमरीकी प्रस्ताव को पारित कर दिया।  ग़ज़्ज़ा के हालात को पूरी तरह से अनदेखा करते हुए लाल सागर में यमनियों की कार्यवाही की निंदा में राष्ट्रसंघ ने अमरीकी प्रस्ताव को पारित कर दिया। 

तसनीम समाचार एजेन्सी के अनुसार इस प्रस्ताव को पारित करते हुए सुरक्षा परिषद ने हमलों के तत्काल रोके जाने की मांग की है।  अमरीका की ओर से पेश किया गया प्रस्ताव बहुमत से पारित हो गया किंतु रूस और चीन ने उसके विरुद्ध मतदान किया। 

रूस ने सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को राजनीति से प्रेरित बताया।  उन्होंने कहा कि ग़ज़्ज़ा में रक्तपात को रोका जाना चाहिए क्योंकि यही काम लाल सागर की वर्तमान स्थति का कारण बना है।  राष्ट्रसंघ में रूस के प्रतिनिधि ने कहा कि ग़ज़्ज़ा युद्ध के रोके जाने से बहुत से संभावित ख़तरे कम हो जाएंगे। 

उधर चीन के प्रतिनिधि कहते हैं कि लाल सागर में जो कुछ हो रहा है वह ग़ज़्ज़ा युद्ध का प्रतिबिंबन है।  इसी बीच अल्जीरिया ने कहा है कि ग़ज़्ज़ा में की जाने वाली हिंसक एवं विध्वंसक कार्यवाहियों के संदर्भ में सुरक्षा परिषद, विश्व के मुसलमानों की भावनाओं को अनदेखा नहीं कर पाएगी। 

यमन के विरुद्ध सुरक्षा परिषद की ओर से अमरीकी प्रस्ताव के पारित होने पर यमन के अंसारुल्ला आन्दोलन ने इसको राजनीतिक खेल बताया है।  उसने ग़ज़्ज़ा वासियों पर हमले और वहां के परिवेष्टन के तत्काल समाप्त किये जाने की मांग की।

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