ईरान के अगले जवाबी हमले को लेकर ज़ायोनियों में दोबारा तनाव आरंभ
पार्सटुडे- ईरान पर ज़ायोनी सरकार के हमले के बाद ईरान में जन-जीवन पूरी तरह सामान्य है परंतु प्राप्त रिपोर्टें इस बात की सूचक हैं कि ईरान के अगले जवाबी हमले को लेकर ज़ायोनी अधिकारियों और आम ज़ायोनियों में तनाव और भय बढ़ने लगा है।
ज़ायोनी सरकार ने ज़ायोनियों के मध्य और इसी तरह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छवि बचाने के लिए 26 अक्तूबर शनिवार की सुबह को ईरान पर हमला किया परंतु ईरानी डिफ़ेन्स ने उसे नाकाम बना दिया और वह ज़ायोनियों के लिए दूसरे अपमान में बदल गया।
नेतनयाहू और इस्राईल के युद्धमंत्री बंकर में चले गये
इस्राईली समाचार पत्र "इस्राईल ह्यूम"ने इस बात से पर्दा उठाया है कि ज़ायोनी प्रधानमंत्री और युद्धमंत्री ईरान पर अतिक्रमण के बाद बंकर में चले गये थे।
विभिन्न संचार माध्यमों की रिपोर्ट के अनुसार नेतनयाहू और गैलेन्ट ईरान और प्रतिरोध के हमलों के भय से बंकर में चले गये थे। ईरान पर हमले के समय नेतनयाहू और गैलेन्ट की तस्वीरें भी प्रकाशित हुई थीं जो इस बात की सूचक थीं कि वे पूरी तरह चिंतित व व्याकुल थे।
इस्राईली वेबसाइट "वल्ला" ने लिखा है कि इस्राईली सेना ने ईरान के मिसाइली हमले के भय से इस्राईली सैनिकों को वापस बुलाने की प्रक्रिया को एक हफ़्ते के लिए टाल दिया।
इस्राईल ने अपनी वायुसीमा बंद कर दी
अलजज़ीरा टीवी ने ज़ायोनी सूत्रों के हवाले से एलान किया था कि इस्राईल ने अपनी वायुसीमा बंद कर दी। ज़ायोनी संचार माध्यमों ने एलान किया था कि तेलअवीव के इस काम की वजह ईरान का संभावित हमला था।
ज़ायोनी अधिकारी ईरान के जवाब से भयभीत
अमेरिकी समाचार पत्र वा᳴ल स्ट्रीट जरनल ने दो ज़ायोनी अधिकारियों के हवाले से लिखा था कि आशा है कि इस हमले से हमलों का आदान- प्रदान बंद हो जायेगा। इन दोनों ज़ायोनी अधिकारियों ने अपना नाम नहीं बताया और दोनों ने दावा किया कि यह हमला समाप्त होना चाहिये ताकि हम ग़ज़ा और लेबनान युद्ध पर ध्यान केन्द्रित कर सकें।
ईरान पर हमले के बारे में एक ज़ायोनी अधिकारी की रोचक स्वीकारोक्ति
ज़ायोनी सरकार की अपोज़ीशन में यायिर लैपिड ने स्वीकार किया कि ईरान के ख़िलाफ़ इस्राईल का हमला इतना कमज़ोर व बेजान था कि ईरानियों ने इस्राईल के मिसाइली हमले का आभास तक नहीं किया। MM
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