ग़ज़ा, हैरान करने वाला दृश्य, क़स्साम ने युद्ध कला के माध्यम से इज़राइल को कैसे घुटनों पर ला दिया है?
(last modified Sun, 27 Apr 2025 11:00:07 GMT )
Apr २७, २०२५ १६:३० Asia/Kolkata
  • ग़ज़ा, हैरान करने वाला दृश्य, क़स्साम ने युद्ध कला के माध्यम से इज़राइल को कैसे घुटनों पर ला दिया है?

पार्सटुडे - एक सैन्य विशेषज्ञ और जॉर्डन के सशस्त्र बल के पूर्व डिप्टी चीफ ऑफ़ स्टाफ़ ने ग़ज़ा में प्रतिरोध के दृष्टिकोण की प्रशंसा की और कहा: फिलिस्तीनी प्रतिरोध के वीरतापूर्ण अभियानों ने विश्लेषकों और पर्यवेक्षकों को चकित कर दिया है।

सैन्य मामलों के विशेषज्ञ और जॉर्डन सशस्त्र बलों के पूर्व डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ क़ासिद महमूद ने शनिवार को कहा: ग़ज़ा में फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध द्वारा क़ब्ज़ाधारियों के खिलाफ चलाए जा रहे सैन्य अभियान, सैन्य संदर्भ में विशेष और अद्वितीय हैं और जमीन पर जो कुछ हो रहा है, वह सभी थिंक टैंकों और युद्ध की सामान्य रणनीतियों से परे है।

जॉर्डन के जनरल ने इस बात पर जोर दिया: ग़ज़ा में हम जो अनोखा ऑप्रेशन देख रहे हैं, वह अद्विपतीय दृढ़ता और मज़बूती को दर्शाता है जो दुश्मन को आश्चर्यचकित करता है और उसे डायरेक्ट मारता है और नुक़सान पहुंचाता है।

उन्होंने आगे कहा: इस ऑप्रेशन की प्रकृति और इसकी विभिन्न रणनीतियां, घेराबंदी और दुश्मन के हमलों की स्थितियों के बावजूद प्रतिरोध के दृष्टिकोण में एक उल्लेखनीय परिवर्तन का प्रतिनिधित्व करती हैं, हम एक वास्तविक और अनोखा हाल देख रहे हैं, यह ऑपरेशन कई चरणों में किया जाता है।

क़ासिद महमूद ने कहा, इज़राइली सेना के टैंकों, हथियारों और सैनिकों के खिलाफ आक्रमण सुरंगों, उत्कृष्ट रणनीति और विभिन्न हथियारों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो कि युद्ध शक्ति के चरम और प्रतिरोध की दृढ़ इच्छाशक्ति को दर्शाता है।

जॉर्डन के जनरल ने कहा: खान यूनिस के दक्षिणी इलाक़े क़ैज़ान अल-नज्जार, बैते हानून और अल-तुफ़ाह मोहल्ले जैसे क्षेत्रों में इज़्ज़ुद्दीन अल-क़स्साम ब्रिगेड के हालिया अभियानों ने क्षेत्र में उपलब्धियों के सभी इज़रायली दावों को नष्ट कर दिया है। इस ऑप्रेशन से पता चला कि प्रतिरोध घटनास्थल पर पूरी तरह से क़ाबिज़ था और उसका पूरा नियंत्रण था।

क़ासिद महमूद ने कहा: प्रतिरोध का मूल लक्ष्य कभी भी इज़राइली सेना पर सीधे सैन्य जीत नहीं रहा है, जो कि टेक्नालाजी से पूरी तरह लैस है और जिसे वैश्विक समर्थन प्राप्त है, बल्कि इसका लक्ष्य दुश्मन को उसके लक्ष्य प्राप्त करने से रोकना और उसे क्षति पहुंचाना तथा युद्ध की लागत बढ़ाना रहा है।

उन्होंने कहा: आज, फिलिस्तीनी प्रतिरोध इजराइली सेना को बाधित करने और एक राजनीतिक वास्तविकता को लागू करने में सफल रहा है जिसका फ़ायदा उठाया जाना चाहिए लेकिन दुर्भाग्यवश, अब तक इस क्षेत्र के लाभ का उपयोग फिलिस्तीनी या अरब राजनीतिक स्तर पर फिलिस्तीनी हितों के लिए नहीं किया गया है।

मेजर जनरल महमूद ने आगे कहा: प्रतिरोध का इस पैमाने और भौगोलिक दायरे के अनूठे अभियानों की ओर लौटना एक बड़ी घटना है जिसकी दुश्मन सेना को भारी क़ीमत चुकानी पड़ेगी।

सेना, जो स्वयं को बहुत अधिक लैस और आधुनिक सेनाओं में से एक कहती है, वर्तमान समय में मनोबल और सैन्य संकट का सामना कर रही है। यह हक़ीक़त है कि दुश्मन ने विस्फोटक ड्रोन जैसे उपकरणों का सहारा लिया है, योजना और रणनीति की कमी का संकेत है।

जॉर्डन के जनरल के अनुसार, इन उपकरणों का इस्तेमाल आमतौर पर प्रतिरोध ग्रुप्स द्वारा किया जाता है, न कि नियमित सेना द्वारा, और यह उसकी शक्ति और योजनाओं के नुकसान का संकेत है।

सामरिक सैन्य मामलों के विशेषज्ञ ने यह कहते हुए नतीजा निकाला: ग़ज़ा के लोगों द्वारा झेली जा रही पीड़ा और हत्या, भूख और बीमारी से संघर्ष के बावजूद, प्रतिरोध ने साबित कर दिया है कि इसमें टिकने की शक्ति है, प्रतिरोध का विकल्प विजय या शहादत है। (AK)

 

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