ब्रिटिश विश्लेषक: हमास घुटने नहीं टेकेगा
(last modified Sat, 26 Apr 2025 11:59:51 GMT )
Apr २६, २०२५ १७:२९ Asia/Kolkata
  • ब्रिटिश विश्लेषक: हमास घुटने नहीं टेकेगा
    ब्रिटिश विश्लेषक: हमास घुटने नहीं टेकेगा

पार्स टुडे - एक ब्रिटिश विश्लेषक ने इस बात पर जोर दिया है कि फिलिस्तीन का इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन "हमास" कभी भी ज़ायोनी शासन के सामने घुटने नहीं टेकेगा और आत्मसमर्पण नहीं करेगा।

हमास के एक नेता महमूद मर्दावी ने हाल ही में घोषणा की कि प्रतिरोध का निरस्त्रीकरण अस्वीकार्य और बातचीत योग्य नहीं है। यह एक पुरानी ज़ायोनी-अमेरिकी योजना है जिसे फ़िलिस्तीनी जनता की रक्षा की किसी भी वास्तविक क्षमता को नष्ट करने के लिए फिर से लाने की कोशिश की जा रही है।

पार्सटुडे के अनुसार ब्रिटिश विश्लेषक डेविड हर्स्ट ने कहा कि ज़ायोनी शासन को यह समझना चाहिए कि हमास कभी भी आत्मसमर्पण नहीं करेगा। उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा: आज, हमास और ग़ज़ा के आत्मसमर्पण का मतलब फिलिस्तीनी मुद्दे का आत्मसमर्पण है, क्योंकि प्रतिरोध ही कब्जे को समाप्त करने का एकमात्र बचा हुआ रास्ता है।

हर्स्ट ने कहा: यह विश्वास कि ग़ज़ा में हमास नेताओं को बड़ी मात्रा में धन मिला और वे भाग गए, जबकि ग़ज़ा पट्टी में 18 महीने का भीषण युद्ध और दो महीने की भुखमरी और अकाल गुजर चुका है, यह इज़राइल के प्रधानमंत्री बेन्यामीन नेतन्याहू की हमास के बारे में समझ की कमी को ज़ाहिर करता है।

उन्होंने स्पष्ट किया: हमास अपनी दो शर्तों से पीछे नहीं हटा है, जिन पर उसने युद्ध की शुरुआत में ही ज़ोर दिया था, एक है ग़ैर निरस्त्रीकरण और दूसरी ग़ज़ा पट्टी से इज़राइली सेना की पूर्ण वापसी तथा युद्ध का यक़ीनी ख़ातेमा।

 मिडिल ईस्ट आई वेबसाइट के संपादक ने कहा: इस बात पर बारम्बार और खुले तौर पर जोर दिया गया है कि नेतन्याहू वार्ता के माध्यम से समाधान प्राप्त करने में मुख्य बाधा हैं क्योंकि उन्होंने दो अवसरों पर हमास के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर किए और फिर एकतरफा रूप से समझौतों का उल्लंघन किया।

इस संबंध में, पश्चिम एशियाई मुद्दों पर ईरानी विशेषज्ञ अली रज़ा अरब ने भी कहा कि प्रतिरोध के मोर्चे और इस्राईल के बीच युद्ध पश्चिम एशियाई क्षेत्र के सभी क्षेत्रों और मोर्चों पर अपने सबसे महत्वपूर्ण चरण में पहुंच गया है। उन्होंने कहा: हमास आत्मसमर्पण या निरस्त्रीकरण के लिए तैयार नहीं होगा और अपनी सामान्य स्थिति पर दृढ़ता से खड़ा है। ग़ज़ा में युद्ध जारी रहना और समय का बीत जाना, इज़राइल के लिए हानिकारक है।

फिलिस्तीनी राजनीतिक विशेषज्ञ मुहम्मद अल-क़ीक ने भी फिलिस्तीनी प्रतिरोध के निरस्त्रीकरण के आह्वान को घिसीपिटी और असफल योजना क़रार दिया।

उन्होंने कहा: निरस्त्रीकरण का आह्वान स्वार्थपूर्ण है और यह इस विचार को मजबूत करने का प्रयास है कि फिलिस्तीनियों को अपने अधिकारों को छोड़ देना चाहिए, लेकिन वास्तविकता यह है कि फिलिस्तीनियों को अपनी ज़मीन और फिलिस्तीनी मुद्दे का समर्थन करने के लिए स्थिरता और हथियारों की आवश्यकता है।

दूसरी ओर, इज़राइली सैन्य खुफिया एजेंसी के पूर्व अधिकारी माइकल मिलस्टीन ने हमास आंदोलन के प्रतिरोध के विश्लेषण में स्वीकार किया कि हमास की स्थिरता को मजबूत करने वाला तत्व आंदोलन की गहरी आस्था और विश्वास है। एक विश्वास जो उन्हें अंत तक लड़ाई जारी रखने की ताकत देता है। (AK)

 

कीवर्ड्ज़: हमास, क़स्साम, इज़राइल, इस्राईल

 

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