यमन में चार लाख से अधिक लोग हैज़े से पीड़ित
(last modified Sat, 12 Aug 2017 14:24:36 GMT )
Aug १२, २०१७ १९:५४ Asia/Kolkata

हैज़े की बीमारी आधुनिकतम और प्रतिबंधित हथियारों के अलावा यमनी लोगों की हत्या के एक सोचे –समझे साधन में परिवर्तित हो गयी है।

यमन पर सऊदी अरब के पाश्विक हमले को आरंभ हुए 30 महीने से अधिक का समय बीत रहा है और यमनी लोगों के इन हमलों में मारे जाने का सिलसिला जारी है परंतु विश्व समुदाय इस प्रकार की स्थिति में केवल मूकदर्शक बना हुआ है।

यमन में चिकित्सा सेवाओं की स्थिति बहुत ही ख़राब है और इस प्रकार की हालत में यमन में हैज़े की बीमारी विनाशकारी रूप धारण कर गयी है। दूसरी शब्दों में हैज़े की बीमारी आधुनिकतम और प्रतिबंधित हथियारों के अलावा यमनी लोगों की हत्या के एक सोचे –समझे साधन में परिवर्तित हो गयी है।

यमन में प्रतिदिन हैज़े से ग्रस्त होने वाले 120 व्यक्तियों में से कम से कम एक यमनी अपनी जान से हाथ धो बैठता है जबकि पिछले अप्रैल महीने से अब तक हैज़े के कारण कम से कम दो हज़ार यमनी अपनी जान से हाथ धो चुके हैं और इस समय चार लाख से अधिक यमनी हैज़े से पीड़ित हैं।

यमन में दिन- प्रतिदिन हैज़े का फैलना इस बात का सूचक है कि सऊदी अरब के लक्ष्यों को व्यवहारिक बनाने के लिए यह सोचा- समझा कार्यक्रम है।

वर्तमान समय में जो चीज़ यमन में हैज़े के फैलने व भयावह रूप धारण करने का कारण बनी है वह सऊदी अरब की ओर से यमन का व्यापक परिवेष्टन और सनआ के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का बंद होना है।

इस प्रकार की स्थिति में विश्व समुदाय विशेषकर संयुक्त राष्ट्रसंघ इस मानवीय त्रासदी के संबंध में अर्थपूर्ण चुप्पी साधे हुए है और उसकी इस चुप्पी को सऊदी अरब की समरसता के रूप में देखा जा रहा है।

यह स्थिति उस समय और दुखःदायी हो जाती है जब शुक्रवार की रात को राष्ट्रसंघ के प्रवक्ता स्टीफ़ेन दुजैरिक ने कहा कि सनआ के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के संबंध में इस संघ की कोई ज़िम्मेदारी नहीं है जबकि सनआ में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बंद से यमनी लोगों को बहुत अधिक क्षति पहुंच रही है और पिछले मंगलवार को सनआ में यूरोपीय संघ कार्यालय की प्रवक्ता मारिया अन्टोनिया काल्वो की उस स्वीकारोक्ति को इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जा सकता है उसमें उन्होंने कहा है कि सनआ हवाई अड्डे के बंद होने से यमनी लोगों को बहुत क्षति पहुंच रही है और इस देश में स्थिति त्रासदी की सीमा तक पहुंच गयी है। MM