वेनेजुएला लैटिन अमेरिका में आर्थिक वृद्धि का अग्रणी कैसे बना?
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पार्स टुडे - प्रतिबंधों की बाधा को पार करते हुए, वेनेजुएला ने वर्ष 2025 में लैटिन अमेरिका की सर्वाधिक आर्थिक वृद्धि दर हासिल की है।
(last modified 2025-12-18T11:12:58+00:00 )
Dec १८, २०२५ १६:४० Asia/Kolkata
  • वेनेजुएला की शानदार आर्थिक वृद्धि
    वेनेजुएला की शानदार आर्थिक वृद्धि

पार्स टुडे - प्रतिबंधों की बाधा को पार करते हुए, वेनेजुएला ने वर्ष 2025 में लैटिन अमेरिका की सर्वाधिक आर्थिक वृद्धि दर हासिल की है।

पार्स टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, जबकि अमेरिका अवैध प्रतिबंधों, आर्थिक नाकेबंदी और अब सैन्य हमले की धमकी देकर वेनेजुएला की जनता को घुटनों पर लाने का प्रयास कर रहा है, संयुक्त राष्ट्र की लैटिन अमेरिका और कैरिबियाई आर्थिक आयोग (सीईपीएएल) ने एक ऐसी रिपोर्ट जारी की है जिसने पश्चिम को झटका दिया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वेनेजुएला ने प्रतिबंधों की बाधा को पार करते हुए वर्ष 2025 में लैटिन अमेरिका की सबसे ऊंची आर्थिक वृद्धि दर अपने नाम कर ली है।

 

संयुक्त राष्ट्र से जुड़े इस संस्थान ने मंगलवार को क्षेत्र की अर्थव्यवस्थाओं का प्रारंभिक ब्यौरा जारी कर अमेरिका की काराकास के खिलाफ अधिकतम दबाव की नीतियों की विफलता को रेखांकित किया। रिपोर्ट के अनुसार, वेनेजुएला ने वर्ष 2025 में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कर क्षेत्र में आर्थिक वृद्धि की सूची में शीर्ष स्थान हासिल किया है। यह रिपोर्ट साम्राज्यवाद के खिलाफ बोलीवेरियन सरकार के "प्रतिरोधक अर्थव्यवस्था" मॉडल की जीत का स्पष्ट प्रमाण है।

 

रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि वेनेजुएला ने वर्ष 2024 में भी 8.5 प्रतिशत की शानदार वृद्धि दर्ज की थी और 2025 में भी इसे जारी रखते हुए 6.5 प्रतिशत की वृद्धि हासिल की है। इस तरह उसने क्षेत्र की औसत वृद्धि दर (मात्र 2.3 से 2.4 प्रतिशत) को काफी पीछे छोड़ दिया है। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था ने न केवल बाहरी साजिशों का मुकाबला किया है, बल्कि पुनः फलने-फूलने लगी है।

 

सीईपीएएल की रिपोर्ट का एक अन्य भाग, जो पश्चिमी मीडिया के प्रचार पर पानी फेर देता है, निकोलस मादुरो सरकार की मुद्रास्फीति पर नियंत्रण पाने में सफलता को दर्शाता है। इस अंतरराष्ट्रीय संस्था ने स्वीकार किया है कि अपनी समाजवादी विचारधारा के लिए जाने जाने वाले वेनेजुएला में मुद्रास्फीति में एक वर्ष के भीतर 87 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है। वेनेजुएला उच्च मुद्रास्फीति (जो देश के दुश्मनों द्वारा चलाए गए मुद्रा युद्ध का नतीजा थी) के दौर से गुजरकर प्रबंधनीय स्तर तक पहुंचने में सफल रहा है। यह उपलब्धि हाल के वर्षों की सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक सफलताओं में से एक मानी जा रही है।

 

संयुक्त राष्ट्र की नई रिपोर्ट के आधार पर कहा जा सकता है कि वेनेजुएला लैटिन अमेरिका में आर्थिक वृद्धि का अग्रणी बनकर उभरा है। इस उछाल का एक प्रमुख कारण मुद्रास्फीति में भारी कमी है। वेनेजुएला, जो वर्षों से उच्च मुद्रास्फीति के संकट से जूझ रहा था, एक वर्ष के भीतर अपनी मुद्रास्फीति में 87 प्रतिशत से अधिक की कमी कर उसे प्रबंधनीय स्तर पर लाने में सफल रहा। इस बड़ी उपलब्धि ने घरेलू बाजार में सापेक्षिक स्थिरता लाई है और उत्पादन तथा निवेश में वृद्धि के लिए मार्ग प्रशस्त किया है।

 

एक अन्य कारक तेल और ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि है। बाहरी प्रतिबंधों के बावजूद, वेनेजुएला सरकार अपनी तेल उत्पादन क्षमता का कुछ हिस्सा पुनर्जीवित करने और ऊर्जा निर्यात बढ़ाने में सफल रही है। इससे देश को अधिक विदेशी मुद्रा प्राप्त हुई है और विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूती तथा घरेलू परियोजनाओं के वित्तपोषण में सहायता मिली है।

 

इसके अलावा, कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्रों को समर्थन देकर अर्थव्यवस्था में विविधता लाने ने भी इस वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रतिबंधों से उत्पन्न सीमाओं के बावजूद, निजी और सार्वजनिक क्षेत्र ने घरेलू उत्पादन में नए निवेश किए हैं। इन प्रयासों के कारण केवल तेल पर निर्भरता कम हुई है और अर्थव्यवस्था के अन्य क्षेत्रों ने भी आर्थिक वृद्धि में अधिक योगदान दिया है।

 

सामाजिक दृष्टिकोण से, मुद्रास्फीति में कमी और उत्पादन में वृद्धि के कारण जनता के जीवन स्तर में सापेक्षिक सुधार हुआ है। हालांकि संरचनात्मक समस्याएं अभी भी बनी हुई हैं, लेकिन आर्थिक स्थिरता ने समाज में सापेक्षिक विश्वास पैदा किया है और बेरोजगारी कम करने तथा रोजगार बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त किया है।

 

क्षेत्रीय स्तर पर, वेनेजुएला का प्रदर्शन तब और अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है जबकि लैटिन अमेरिका के अनेक देश कम वृद्धि और मंदी का सामना कर रहे हैं। जबकि ब्राजील और चिली जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं ने केवल लगभग 2.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, वेनेजुएला क्षेत्रीय औसत से दोगुनी से अधिक वृद्धि दर के साथ एक विशेष स्थान हासिल करने में सफल रहा है।

 

संक्षेप में, वेनेजुएला मुद्रास्फीति में कमी, तेल उत्पादन में वृद्धि, आर्थिक विविधीकरण और घरेलू निवेश के संयोजन से हाल के वर्षों में लैटिन अमेरिका में आर्थिक वृद्धि का अग्रणी बन गया है। क्षेत्रीय मंदी की स्थिति में यह उपलब्धि विशेष महत्व रखती है, हालांकि इसकी निरंतरता के लिए संरचनात्मक सुधार और बाहरी प्रतिबंधों को दूर करना आवश्यक होगा।

 

ऐसा प्रतीत होता है कि अमेरिका की ट्रंप सरकार, जो पिछली अमेरिकी सरकारों की तरह वामपंथी वेनेजुएला सरकार और उसके राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को कमजोर करने और अंततः उन्हें सत्ता से हटाने पर केंद्रित है, वेनेजुएला की शानदार आर्थिक वृद्धि पर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट से सबसे अधिक हैरान और परेशान हुई है।

 

वेनेजुएला के पास 300 अरब बैरल से अधिक तेल के भंडार हैं, जो दुनिया के ज्ञात भंडार का लगभग 17 प्रतिशत है। चीन इस देश के तेल उद्योग में सबसे बड़ा विदेशी खिलाड़ी है और पश्चिमी गोलार्ध में चीन के प्रभाव को कम करना ट्रंप सरकार की राष्ट्रीय सुरक्षा प्राथमिकताओं में से एक बताया गया है।

 

अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप सरकार द्वारा निकोलस मादुरो सरकार के खिलाफ राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य दबाव का प्रमुख उद्देश्य और केंद्रबिंदु वेनेजुएला के विशाल तेल और गैस भंडार तक अमेरिकी पहुंच सुनिश्चित करना है। अखबार ने अपनी विश्लेषणात्मक रिपोर्ट में यह भी जोड़ा कि ट्रंप सरकार हालांकि खुले तौर पर वेनेजुएला के खिलाफ सैन्य कार्रवाई और दबाव बढ़ाने को मादक पदार्थों की तस्करी से लड़ने के रूप में सही ठहराती है, लेकिन पर्दे के पीछे वाशिंगटन का मुख्य ध्यान इस लैटिन अमेरिकी देश में दुनिया के सबसे बड़े तेल भंडार पर नियंत्रण और पहुंच हासिल करने पर केंद्रित है। (AK)

 

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