यमन युद्ध बाल विरोधी युद्ध हैः यूनिसेफ़
(last modified Tue, 26 Dec 2017 14:30:08 GMT )
Dec २६, २०१७ २०:०० Asia/Kolkata

वर्ष 2015 से सऊदी अरब ने यमन के खिलाफ जो युद्ध आरंभ कर रखा है उसमें अब तक 14 हज़ार से अधिक यमनी मारे जा चुके हैं जिनमें ध्यान योग्य संख्या बच्चों की है

यमन के ख़िलाफ सऊदी अरब के पाश्विक हमले यथावत जारी हैं जिसमें विस्तृत पैमाने पर बच्चे भेंट चढ़ रहे हैं और यूनिसेफ़ ने बच्चों के खिलाफ यमन में सऊदी अरब के अपराधों की ओर संकेत करते हुए इसे "बाल विरोधी युद्ध" की संज्ञा दी है।

वर्ष 2015 से सऊदी अरब ने यमन के खिलाफ जो युद्ध आरंभ कर रखा है उसमें अब तक 14 हज़ार से अधिक यमनी मारे जा चुके हैं जिनमें ध्यान योग्य संख्या बच्चों की है।

एक सक्रिय यमनी कार्यकर्ता अब्दुल्लाह शाबान ने इस संबंध में कहा है कि विभिन्न बीमारियों के कारण हर दस मिनट में एक यमनी बच्चा अपनी जान से हाथ धो रहा है।

सऊदी अरब ने वहाबियत के प्रतीक के रूप में बच्चों की हत्या करके दर्शा दिया है कि उसके अपराधों की कोई सीमा नहीं है और केवल अपने अपराधों में वृद्धि करके वह अपनी हिंसात्मक प्रवृत्ति को दिखाने की चेष्टा में है।

यद्यपि संयुक्य राष्ट्रसंघ के नये महासचिव के काल में एक बार फिर सऊदी अरब का नाम बच्चों के अधिकारों के हनन करने वाले देशों की सूची में शामिल कर दिया गया है परंतु व्यवहारिक रूप से इस समय भी सऊदी अरब के खिलाफ कोई दबाव व कार्यवाही नहीं हो रही है मानो सऊदी अरब कोई अपराध ही अंजाम नहीं दे रहा है।

यमन में सऊदी अरब जो अपराध अंजाम दे रहा है उसके संबंध में राष्ट्रसंघ ने अपने क्रिया- कलापों से दर्शा दिया है कि वह पूंजीपतियों का संगठन बन गया है और उसका सबसे महत्वपूर्ण दायित्व पूंजीपतियों के हितों की रक्षा हो गया है।

बहरहाल राष्ट्रसंघ ने न केवल अपने मूल उद्देश्य का पालन नहीं किया है बल्कि कमज़ोर और पक्षपाती दृष्टिकोण अपना कर वह यमन में आम नागरिकों विशेषकर बच्चों के नरसंहार हेतु सऊदी अरब के अपराधों का मूलदर्शक बना हुआ है जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति व सुरक्षा स्थापित करने के लिए प्रयास करना राष्ट्रसंघ की मूल ज़िम्मेदारी है। MM