इस्राईल का मुसाफ़िर हवाई जहाज़ इस्तांबूल के एयरपोर्ट पर उतरा
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इलस्ट्रेटिव तस्वीर
इस्राईल का एक मुसाफ़िर जहाज़ 10 साल बाद इस्तांबूल में उतरा।
तुर्क राष्ट्रपति द्वारा ज़ायोनी शासन के साथ संबंध में रुचि ज़ाहिर किए जाने के बाद, ज़ायोनी सूत्रों ने इस शासन के एक मुसाफ़िर हवाई जहाज़ के इस्तांबूल के एयरपोर्ट पर उतरने की ख़बर दी है।
ज़ायोनी अख़बार यदीओत अहारोनोत ने ज़ायोनी अधिकारी के हवाले से रविवार को एक रिपोर्ट में लिखाः “10 साल बाद, इस्राईल का एक मुसाफ़िर हवाई जहाज़, शनिवार की शाम को इस्तांबूल के एयरपोर्ट पर उतरा।”
ग़ौरतलब है कि ज़ाहिरी तौर पर तुर्क अधिकारी ज़ायोनी शासन के ख़िलाफ़ नज़रिया अपनाते हैं लेकिन पर्दे के पीछे उनके बीच संबंध ख़ास तौर पर व्यापारिक संबंध कभी नहीं ख़त्म हुए।
हैरत की बात यह है कि तुर्की ने यूएई और बहरैन जैसे अरब देशों के इस्राईल के साथ संबंध सामान्य करने के फ़ैसले का विरोध किया था।
ज़ायोनी शासन का मुसाफ़िर हवाई जहाज़ ऐसी हालत में इस्तांबूल एयरपोर्ट पर उतरा कि हाल ही में अख़बारी सूत्रों ने तेल अविव-अंकारा के क़रीब होने की ख़बर दी थी।
हाल में ज़ायोनी सूत्रों ने रिपोर्ट दी थी कि अंकारा-तेल अविव के बीच गुप्तचर संबंध शुरू हो गए हैं। इस रिपोर्ट के सामने आने के कुछ ही दिन के भीतर तुर्क राष्ट्रपति रजब तय्यब अर्दोग़ान ने अंकारा के ज़ायोनी शासन के साथ निरंतर इंटेलिजेन्स संपर्क की पुष्टि करते हुए उम्मीद जतायी थी कि तुर्की के ज़ायोनी शासन के साथ संबंध बेहतर होंगे।
यह ऐसी हालत में है कि पिछले हफ़्ते ज़ायोनी विदेश मंत्रालय ने अंकारा में अपने दूतावास के लिए चार्ड डी अफ़ेयर्ज़ तय करने का एलान किया था।
2018 में फ़िलिस्तीन के विषय पर अंकारा के साथ मतभेद के बाद, ज़ायोनी शासन का तुर्की में कोई दूत नहीं है।
अंकारा और तेल अविव के अपने अपने दूतों को वापस बुलाने के बावजूद, दोनों पक्षों के बीच व्यापारिक संबंध कभी भी नहीं टूटे। (MAQ/N)
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