हम डेमोक्रेसी का नेतृत्व करने के लाएक़ नहीं" अमेरिकी विचारक
एक अमेरिकी विचारक ने कहा है कि हम डेमोक्रेसी की बैठक की अगुवाई व नेतृत्व के लाएक़ नहीं हैं।
समाचार एजेन्सी फार्स की रिपोर्ट के अनुसार एक अमेरिकी विचारक, बुद्धिजीवी और हारवर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर स्टीफेन वॉल्ट ने डेमोक्रेसी के संबंध में होने वाली वर्चुअल बैठक में भाग लेने हेतु कई देशों के नेताओं से जो बाइडेन के निमंत्रण की ओर संकेत किया और लिखा कि खेद के साथ कहना पड़ता है कि हम डेमोक्रेसी के संबंध में इस प्रकार के प्रयास के लाएक़ नहीं हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने डेमोक्रेसी के संबंध में आज से होने वाली वर्चुअल बैठक में 110 देशों के नेताओं को भाग लेने का आह्वान किया है।
स्टीफेन वॉल्ट ने इस बैठक के आयोजन की आलोचना की और फॉरेन पॉलिसी में लिखा कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इस बैठक के आयोजन का अस्ल लक्ष्य क्या है? उन्होंने लिखा कि इस बैठक में भाग लेने वालों का चयन बड़े हिसाब- किताब से किया गया है और उन्होंने हंगरी और कांगो गणराज्य की ओर विशेषरूप से इशारा किया और लिखा है कि फ्रीडम हाउस में हंगरी की स्थिति बेहतर होने के बावजूद उसे इस बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है जबकि कांगो को इस बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।
ज्ञात रहे कि इससे पहले रूस और चीन इस प्रकार की बैठक की आलोचना कर चुके हैं और अमेरिका में चीन और रूस के राजदूतों ने कई दिन पहले ही इस बैठक को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मतभेद व फूट पड़ने और आधुनिक विश्व के परिवर्तनों की प्रक्रिया में विरोधाभास का कारण बताया है।
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ऐसी स्थिति में डेमोक्रेसी के संबंध में होने वाली वर्चुअल बैठक में भाग लेने का आह्वन कर रहे हैं जबकि अरब देशों विशेषकर फार्स की खाड़ी की तानाशाही सरकारों से अमेरिका के घनिष्ठ संबंध हैं।
दूसरे शब्दों में अमेरिका एक तरफ दुनिया के देशों को डेमोक्रेसी का दर्स देता है और दूसरी ओर तानाशाही सरकारों के साथ उसके घनिष्ठ संबंध हैं। सऊदी अरब और बैहरन जैसे अरब देशों के साथ उसके संबंधों को इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जा सकता है। MM
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