क्या पोप फ्रांसिस के अनुरोध से अब तो सचेत होंगे विश्ववासी?
यमन और फ़िलिस्तीन के बारे में विश्व के मौन और निष्क्रियता के संबन्ध में पोप फ़्रांसिस ने चेतावनी दी है।
कैथोलिक इसाइयों के सबसे बड़े धर्मगुरू पोप फ़्रांसिस ने ईसा मसीह के जन्म दिवस के अवसर पर अपने संदेश में यमन और फ़िलिस्तीन के बारे में विश्व की शांति और निष्क्रियता की आलोचना की।
उन्होंने बड़े संकटों, मानवीय त्रासदियों और आपदाओं के प्रति लोगों की उदासीनता की निंदा की।
कैथोलिक इसाइयों के वरिष्ठ धर्मगुरू पोप फ्रांसिस ने अपने संदेश में इस ओर संकेत किया कि हम इस समय दुनिया के अलग-अलग क्षेत्रों में बहुत सी झड़पों, संघर्षों और संकटों के साक्षी हैं।
उन्होंने विश्ववासियों से मांग की है कि वे किसी भी स्थिति में शर्णार्थियों, पलायनकर्ताओं, बेघर लोगों, बंदियों और हिंसा की शिकार महिलाओं के प्रति उदासीन न रहें।
इसी के साथ पोप फ़्रांसिस ने विश्व के राष्ट्राध्यों से अनुरोध किया है कि वे आगामी पीढ़ियों के लिए पर्यावरण को सुरक्षित रखने का पूरा प्रयास करें।
पिछले साल के अपने संदेश में कैथोलिक इसाइयों के सबसे बड़े धर्मगुरू पोप फ़्रांसिस ने कहा था कि यमन, इराक़ और सीरिया के युद्धग्रस्त बच्चों की स्थिति के बारे में मनुष्य के विवेक को अब तो जाग जाना चाहिए।
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