क्या यूक्रेन के ख़िलाफ़ रूस का हमला शुरू हो गया है
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को पूर्वी यूक्रेन के दो क्षेत्रों लुहान्स्क और दोनेत्स्क को स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता देने की घोषणा कर दी और क्रेमलिन में इन दोनों क्षेत्रों के नेताओं के साथ सहयोग और साझेदारी के समझौतों पर हस्ताक्षर कर दिए।
पिछले सप्ताह रूसी संसद ने राष्ट्रपति पुतिन से इन दोनों अलगाववादी क्षेत्रों को मान्यता देने का अनुरोध किया था। पुतिन ने देश की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के साथ एक बैठक के बाद यह क़दम उठाने का फ़ैसला लिया, जिससे पता चलता है कि इसके लिए रूस के अधिकारी एकमत हैं।
हालिया दिनों में पूर्वी यूक्रेन के इन इलाक़ों में रूस समर्थक अलगाववादियों और यूक्रेन के सैनिकों के बीच झड़पें तेज़ हो गई थीं। फ़रवरी 2014 में यूक्रेन में पश्चिम समर्थित सरकार के सत्ता संभालने के बाद से लुहान्स्क और दोनेत्स्क में रूसी मूल के नागरिकों ने अपनी सुरक्षा के लिए यूक्रेन से अलग होने के प्रयास तेज़ कर दिए। मास्को ने इस संघर्ष में अलगाववादियों का समर्थन किया और अब पुतिन की इस घोषणा के बाद रूस के लिए यूक्रेनी बलों के ख़िलाफ़ संघर्ष कर रहे विद्रोहियों की खुलेआम मदद के लिए हथियार और सेना भेजने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
पुतिन ने इस घोषणा के तुरंत बाद, रूसी सेना को दोनेत्स्क और लुहांस्क में शांति की ज़िम्मेदारी सौंप दी। अब अगर रूसी सैनिक सीमा पार करते हैं, तो विद्रोहियों के नियंत्रण वाले इलाक़े में रूस आधिकारिक से रूप पहली बार दाख़िल होगा। हफ़्तों से जारी यूक्रेन संकट में रूस के इस क़दम के बाद अब एक नया मोड़ आ गया है।
यूक्रेन और रूस के बीच बढ़ते तनाव के कारण तेल की क़ीमतों में तेज़ी आ रही है। मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की क़ीमत सात साल से सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई। मंगलवार को इसकी क़ीमत थी प्रति बैरल 97.44 डॉलर।
रूस के इस फ़ैसले के बाद ब्रिटेन और कई अन्य पश्चिमी देशों ने रूस पर पाबंदी लगाने की चेतावनी दी है। इसके बाद ऐसी आशंका जताई जा रही है कि दुनिया भर में तेल की सप्लाई चेन प्रभावित हो सकती है। रूस सऊदी अरब के बाद तेल निर्यात करने वाला दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। रूस प्राकृतिक गैस का सबसे बड़ा उत्पादक भी है।
इस बीच, नेटो के महासचिव जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने चेतावनी देते हुए कहा है कि रूस पूर्वी यूक्रेन में अलगाववादियों को सैन्य और आर्थिक मदद देकर लगातार विद्रोह को बढ़ावा दे रहा है। वह एक बार फिर से यूक्रेन पर हमले का बहाना बना रहा है।
इस सबके बीच, अब यूक्रेन युद्ध का मैदान है। लेकिन यह रूस और पश्चिम के बीच टकराव का का भी मैदान है, और यह निर्णायक घड़ी है।