महिलाओं के यौन शोषण की खबरें अत्यंत चिंताजनक
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रूस- यूक्रेन युद्ध में जहां एकतरफ सैनिकों व आमजन की जान व माल का नुकसान हो रहा है वहीं दूसरी तरफ मानव तस्करी व महिलाओं के यौन शोषण की खबरें अत्यंत चिंताजनक हैं।
(last modified 2023-04-09T06:25:50+00:00 )
Mar २४, २०२२ १६:३२ Asia/Kolkata
  • महिलाओं के यौन शोषण की खबरें अत्यंत चिंताजनक

रूस- यूक्रेन युद्ध में जहां एकतरफ सैनिकों व आमजन की जान व माल का नुकसान हो रहा है वहीं दूसरी तरफ मानव तस्करी व महिलाओं के यौन शोषण की खबरें अत्यंत चिंताजनक हैं।

महिला विरोधी तत्व इस अशुभ घड़ी में अपने नापाक मंसूबों को अंजाम दे रहे हैं, वे महिलाओं का यौन शोषण करके उनके जीवन पर गहरा आघात कर रहे हैं, ये महिला विरोधी तत्व एकाएक नहीं उपजे हैं इसके पीछे वह तुच्छ मानसिकता काम कर रही है जिसको दशकों से दुनियाभर में फैलाया जा रहा है वह है महिलाओं का शातिराना शोषण जिसमें महिलाओं को भोग- विलास की वस्तु के अतिरिक्त कुछ नहीं समझा जाता।

शोषण के दो प्रकार हैं, एक शोषण का प्रकार है किसी को सीधे चुनौती देकर उसके हक को छीनना और दूसरा शातिराना ढंग से शोषण _ जिसके तहत शोषक द्वारा शोषित को ये एहसास नहीं होने दिया जाता कि वह उसका शोषण कर रहा है चूंकि आज लोकतन्त्र का युग है ऐसी स्थिति में दमनकारियों द्वारा कमज़ोर वर्गों का शोषण करना इतना सुलभ नहीं है इसीलिए शोषकों ने शातिराना तरीके का इस्तेमाल किया ताकि शोषित वर्ग अपने ऊपर हो रहे ज़ुल्म के खिलाफ़ भी आवाज़ नहीं उठाने पाए इसके लिए उन्होंने शोषकों का ब्रेनवोश करना आरंभ किया जिसके चलते वो अपने मंसूबों में किसी हद तक सफल भी दिख रहे हैं जैसे कि आज़ादी पूर्व भारतीय किसानों को महाजनों , सरकार, जमींदार आदि द्वारा भयानक रूप से प्रताड़ित किया जाता था और यह सीधे तौर पर प्रताड़ना का प्रकार था उसी दौरान कुछ इस प्रकार के सामाजिक मूल्य थे जो किसानों के लिए अत्यंत दुखदाई थे।

इसी प्रकार इतिहास में महिलाओं को भी सीधे तौर पर शोषित किया गया है लेकिन आज शातिराना तरीके से किया गया शोषण भी अत्यंत घातक स्थिति में है

आज महिलाएं शातिराना शोषण की बुरी तरह से शिकार हैं , ये खूंखार महिला विरोधी तत्व महिलाओं के विरुद्ध संगीन अपराधों को अंजाम दे रहे हैं और उसको उनके हित में दिखाकर ब्रैनवोश कर रहे हैं व्यभिचारी मानसिकता के लोग महिलाओं को नग्न अवस्था में देखना चाहते हैं ताकि अपने नापाक मंसूबों को अंजाम दें जिसके तहत उन्होंने महिलाओं का ब्रेनवोश करना प्रारंभ किया कि कपड़े पहनना पिछड़ापन है ये पश्चिम से उपजे विनाशकारी महिला विरोधी षड्यंत्र आज दुनियाभर में फैल रहे हैं  और महिलाओं की इज्ज़त को पामाल कर रहे हैं।

पश्चिम के जो एजेंडाधारी नग्नता को आज़ादी से जोड़ते हैं और महिला हितैषी बनने का ढोंग रचते हैं उनको पहले अपने यहां  की स्थिति पर ध्यान देना चाहिए व्हाइट हाउस की एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में हर 5 में से एक महिला का रेप होता है चौंकाने वाली बात ये है कि उनमें से आधे से ज़्यादा महिलाएं 18 साल से पहले ही रेप का शिकार हो चुकी हैं, पश्चिम के एजेंडाधारियों को चाहिए कि वो दूसरों को ज्ञान देने से पूर्व अपने यहां की भयानक स्थिति को सुधारें।

पश्चिम को सोचना चाहिये कि अगर नग्नता तरक्की की अलामत है तो जानवर तो नंगा ही पैदा होते हैं, पूरी ज़िन्गदगी नंगा रहते हैं और न जाने कितने हज़ार साल से यह सिलसिला जारी है।

हम सबका फर्ज़ है कि महिलाओं की शिक्षा की उचित व्यवस्था करें ताकि महिलाएं जागरूक व मज़बूत हों और महिला विरोधी षड्यंत्रों का पर्दाफाश करें ताकि महिलाओं के लिए यह दुनिया सुरक्षित हो।

नोटः यह व्यक्तिग विचार हैं। पार्सटूडे का इनसे सहमत होना ज़रूरी नहीं है। मोहम्मद अफ़ज़ल