क्या लड़कियों के आंसू तालेबान को पिघला सकेंगे?...वीडियो
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संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद ने तालेबान से मांग की है कि लड़कियों का स्कूल खुलवाने की भूमिका जितनी जल्दी हो सके प्रशस्त करे।  
(last modified 2023-04-09T06:25:50+00:00 )
Mar २६, २०२२ १६:०३ Asia/Kolkata

संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद ने तालेबान से मांग की है कि लड़कियों का स्कूल खुलवाने की भूमिका जितनी जल्दी हो सके प्रशस्त करे।  

सुरक्षा परिषद ने एक बयान जारी करके बल दिया है कि लड़कियों का स्कूल बंद कराने के बारे में तालेबान का फ़ैसला, विश्व समुदय क साथ सहयोग के लिए इस गुट द्वारा दिए गये वचन के विपरीत है।

15 अगस्त 2021 को अफ़ग़ानिस्तान पर तालेबान के फिर से क़ब्ज़े के बाद न केवल बहुत से कामों को उन्होंने बंद कर दिया बल्कि स्कूलों और विश्वविद्यालयों में लड़कियों के लिए पाबंदी लगा दी। वास्तव में नागरिकों के अधिकारों का सम्मान करने वाली सरकार के गठन के लिए विश्व समुदाय के साथ लेनदेन हेतु तालाबन ने कुछ वादे किए हैं किन्तु अभी तक इस गुट ने अपने किसी भी वादे पर अमल नहीं किया।

उधर अमरीका की ओर से भी लड़कियों के स्कूल बंद जाने पर प्रतिक्रियाएं आई हैं। अमरीकी विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता ने तालेबान की ओर से लड़कियों के स्कूल बंद किए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए क़तर में तालेबान और अमरीकी प्रतिनिधिमंडल के बीच होने वाली वार्ता को रोक दिया है।

दो दिन पहले अफ़ग़ानिस्तान में तालेबान की सरकार के शिक्षामंत्रालय ने अपने पहले के बयान के विरुद्ध यह एलान किया था कि देश में छठीं क्लास से ऊपर की लड़कियों के सारे स्कूल और कालेज अघोषित अवधिक के लिए बंद रहेंगे।

अफ़ग़ानिस्तान में तालेबान सरकार के शिक्षामंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में जब भी धर्म के अनुसार लड़कियों के स्कूल के ड्रेस और दूसरी समस्याएं हल कर ली जाएंगी तब यह स्कूल तालेबान नेताओं के निर्देश पर दोबारा खोल दिए जाएंगे।

अफ़ग़ानिस्तान में लड़कियों के स्कूल कालेज बंद रखने का फ़ैसला ऐसी हालत में किया गया है कि इससे पहले तालेबान ने इन स्कूलों और कालेजों को खोलने का एलान किया था।

अफ़ग़ानिस्तान में जब से तालेबान की सरकार बनी है इस देश में लड़कियों के स्कूल और कालेज बंद कर दिए गये हैं जिसकी वजह शिक्षण व्यवस्था में सुधार बताया गया था। अफ़ग़ानिस्तान में 23 मार्च से नया शिक्षण साल शुरु होता है।

कुल हल्क़ों का कहना कि अफ़ग़ानिस्तान में लड़कियों के स्कूल को बंद करने के फ़ैसले की मुख्य वजह, तालेबान के भी इस मुद्दे को लेकर आपसी मतभेद है जिसमें एक कट्टरपंथी गुट है जो समाज के अहम पदों और स्थानों तक लड़कियों और महिलाओं की पहुंच का विरोधी है।

यह ऐसी हालत में है कि अफ़ग़ानिस्तान के कुछ चैनलों की ओर से होने वाले शोध में बताया गया है कि तालेबान के बड़े नेताओं के बच्चे विशेषकर तालेबान नेताओं की बच्चियां, क़तर सहित विदेशों में शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। (AK)

 

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