नेटो बना अमरीकी विस्तारवाद की ढाल- रिपोर्ट
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नेटो के विस्तार की आर में अमरीका अपनी सैन्य शक्ति को बढ़ाने के प्रयास कर रहा है।
(last modified 2023-04-09T06:25:50+00:00 )
May १७, २०२२ १३:४३ Asia/Kolkata

नेटो के विस्तार की आर में अमरीका अपनी सैन्य शक्ति को बढ़ाने के प्रयास कर रहा है।

आजकल जब यूक्रेन द्वारा नेटो की सदस्यता के मुद्दे को लेकर एक वैश्विक संकट आरंभ हो चुका है इसी बीच ब्रिटेन ने विश्वव्यापी नेटो के गठन की बात कही है।

नेटो के सदस्यों की ग़ैर आधिकारिक बैठक में ब्रिटेन की विदेशमंत्री लिज़ ट्रस ने कहा है कि नेटो की खुले दरवाजें की नीति को आगे बढ़ाया जाए।  उन्होंने कहा कि इस संगठन में फिनलैण्ड और स्वीडन की सदस्यता से यूरोप में सुरक्षा मज़बूत होगी।  ब्रिटेन की विदेशमंत्री के अनुसार इसके बावजूद वर्तमान हालात में हमें बहुत ही सावधान रहने की ज़रूरत है।

ब्रिटेन एसी स्थति में नेटो के विस्तार की मांग कर रहा है कि जब रूस और चीन पहले ही इसका खुलकर विरोध कर चुके हैं।  उनका मानना है कि इससे विश्व की सुरक्षा कमज़ोर होगी।  सभी की सुरक्षा के लक्ष्य से 1940 में वाशिग्टन डीसी में नेटो का गठन किया गया था।  इसके सदस्य देशों ने यह तय किया था कि नेटो के किसी भी सदस्य पर हमला पूरे संगठन पर हमले के रूप में देखा जाएगा और उसका हम मिलकर मुक़ाबला करेंगे।

वास्तव में नेटो एक प्रकार से अमरीकी हितों की सुरक्षा के हथकण्डे में बदल चुका है।  नेटो ने अब पूर्वी यूरोप की ओर विस्तार को अपनी रणनीति में शामिल कर लिया है।  टीकाकारों के अनुसार इस प्रकार से वह क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाना चाहता है।  इसी संदर्भ में पोलैण्ड, हंगरी और चेक गणराज्य ने नेटो की सदस्यता हासिल की।

यह एक वास्तविकता है कि हालिया कुछ दशकों के दौरान नेटो, यूरोप और अमरीका के सैन्य बाज़ू के रूप में परिवर्तित हो चुका है।  वर्तमान समय में वह पश्चिम विशेषकर अमरीका के विस्तारवादी हितों की पूर्ति के परिप्रेक्ष्य में काम कर रहा है। अब एसा लगने लगा है कि केवल पूर्वी यूरोप की ओर नेटो का विस्तार पर्याप्त नहीं है इसीलिए अब इसके वैश्विक फैलाव के बारे में बात की जाने लगी है।

एसा लग रहा है कि नेटो के यूरोपीय सदस्य, इस प्रयास में हैं कि अमरीका के साथ मिलकर रूस के ख़तरे को बढ़ा चढ़ाकर पेश किया जाए ताकि नेटो के वैश्विक विस्तार की भूमिका प्रशस्त हो सके।  नेटो के महासचिव पहले ही यह बात कह चुके हैं कि नार्थ अटलांटिक ट्रीटी आर्गेनाइज़ेशन, नेटो ने कभी भी यह वचन नहीं दिया था कि उसका विस्तार नहीं होगा।

वर्तमान परिस्थतियों को देखते हुए एसा प्रतीत होता है कि यूरोप के साथ सहयोग करते हुए अमरीकी अधिकारियों ने नेटो के वैश्विक विस्तार का फैसला कर लिया है।  यह वह परियोजना है जिससे पूरे विश्व में अमरीका की सैन्य शक्ति में अभूतपूर्व वृद्धि होगी।  हालांकि यह बात भी उल्लेखनीय है कि क्या विश्व के अन्य देश इस अमरीकी फार्मूले का समर्थन करेंगे?

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