इमरान की पार्टी की विजय से बढ़ीं शरीफ परिवार की मुश्किलें
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में हुए उप चुनावों में तहरीके इंसाफ़ ने नवाज़ शरीफ़ की पार्टी पीएमएल एन को बुरी तरह से पराजित किया है।
पंजाब असेंब्ली की 20 सीटों पर हुए उप चुनाव में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की पार्टी तहरीके इंसाफ़ को 15 सीटें मिली हैं। इस चुनाव में सत्तारूढ पीएमएल-एन को मात्र 4 सीटें ही मिल पाईं। एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार के हाथ लगी।
पंजाब में काफ़ी प्रभाव रखने वाले नवाज़ शरीफ की पार्टी को उप चुनाव में मिली इतनी बड़ी हार के बाद अब पाकिस्तान के इस प्रांत में इमरान ख़ान की पार्टी के सत्ता में आने का रास्ता पुनः साफ़ होता दिखाई दे रहा है। तहरीके इंसाफ की इस विजय से यह भी पता चलता है कि पंजाब में शरीफ बंधुओं की पकड़ कमज़ोर होती जा रही है।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इस चुनावी संघर्ष से यह भी साबित हो गया है कि लोकप्रियता की लड़ाई में इमरान ख़ान, शरीफ़ परिवार को कड़ी टक्कर दे रहे हैं क्योंकि शरीफ परिवार का संबन्ध पंजाब से है और वहां पर उनको लज्जाजनक पराजय का मुंह देखना पड़ा है। यह विषय शरीफ परिवार की राजनैतिक अयोग्यता को दर्शाता है। पंजाब में मिली विजय के बाद इमरान ख़ान ने कहा है कि देश को राजनैतिक अस्थिरता से मुक्त कराने का एकमात्र रास्ता यह है कि निष्पक्ष आम चुनाव आयोजित करवाए जाएं।
उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उनके प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि पंजाब के मतदाताओं ने न केवल पीएमएल-एन के उम्मीदवारों को हराया, बल्कि उन्होंने राज्य की पूरी मशीनरी को भी पराजित कर दिया।
इमरान ख़ान को अप्रैल 2022 में प्रधानमंत्री पद से हटा दिया गया था। पाकिस्तिान की संसद में विश्वासमत हारने के बाद इमरान ख़ान ने ट्वीट करके कहा कि अब केवल एक विश्वसनीय स्वतंत्र चुनाव ही देश को सुरक्षित बना सकता है। पंजाब में तहरीके इंसाफ पार्टी की शानदार विजय के बाद यह संभावना बढ़ गई है कि पाकिस्तान में जल्द आम चुनाव हो सकते हैं। एसे में इमरान ख़ान के पुनः प्रधानमंत्री बनने की संभावना बढ़ जाएगी।
वैसे पंजाब की इस विजय के बाद वहां पर सत्ता परिवर्तन स्पष्ट दिखाई दे रहा है। वर्तमान समय में पंजाब के मुख्यमंत्री हम्ज़ा शहबाज़ शरीफ़ हैं। अब उनसे त्यागपत्र की मांग की जा सकती है क्योंकि क़ानूनी हिसाब से वे अब बहुमत खो चुके हैं। राजनीतिक टीकाकार कहते हैं कि पूर्व प्रधानामंत्री इमरान ख़ान अब वर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ को जल्द चुनाव कराने के लिए बाध्य कर सकते हैं। एसा भी हो सकता है कि सरकार अगर जल्द चुनाव कराने की उनकी मांग को नहीं मानती है तो वे पंजाब और ख़ैबर पख्तूनख्वा की विधानसभाओं को भंग कर सकते हैं। इमरान ख़ान के इस काम से शहबाज़ सरकार देश में चुनाव कराने को बाध्य हो जाएगी।
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