गुटेरस, अर्दोग़ान और ज़ेलेंस्की ने की यूक्रेन में बैठक
संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचिव, तुर्किये के राष्ट्रपति और यूक्रेन के राष्ट्रपि ने यूक्रेन में एक संयुक्त बैठक आयोजित की।
पश्चिमी यूक्रेन में होने वाली इस बैठक में यूक्रेन युद्ध के बारे में विचारों का आदान-प्रदान किया गया।
इस त्रिपक्षीय बैठक में अनाज के निर्यात और यूरोप के सबसे बड़े परमाणु बिजलीघर की सुरक्षा के मुद्दे पर भी चर्चा की गई। यूक्रेन, विश्व के बड़े अनाज निर्यातक देशोंं में से एक है। पिछले महीने तुर्किये में रूस, यूक्रेन और राष्ट्रसंघ के अधिकारियों की बैठक में यूक्रेन की बंदरगाहों से ब्लैक सी के माध्यम से गेंहू के पुनः निर्यात पर सहमति बनी थी।
संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचिव ने कहा था कि यूक्रेन से अनाज का निर्यात रुक जाने के कारण विश्व के कुछ क्षेत्रों में सूखे और भुखमरी की स्थति पैदा हो गई है। गुटेरस की इस चेतावनी के बाद राष्ट्रसंघ के निरीक्षण में यूक्रेन के अनाज का निर्यात आरंभ हो गया है। ग़ल्ले के निर्यात के मामले के अतिरिक्त एक अन्य मामला जो यूरोप की सुरक्षा के लिए ख़तरा बनता जा रहा है वह है यूक्रेन का ज़ेपरजिया परमाणु बिजलीघर।
संयुक्त राष्ट्रसंघ के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक पहले ही एलान कर चुके हैं कि तुर्किये में इस देश के राष्ट्रपति, राष्ट्रसंघ के महासचिव और यूक्रेन के अधिकारियों के साथ यूक्रेन के उस परमाणु बिजलीघर के बारे में बात की जाएगी जो इस समय रूसी सैनिकों के नियंत्रण में है। यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की, रूसी सैनिकों से कह चुके हैं कि वे उनके परमाणु बिजलीघर का घेराव छोड़कर चले जाएं।
उधर रूसी अधिकारियों का कहना है कि हमारे पास जो सूचनाएं मौजूद हैं उनके आधार पर पता चलता है कि राष्ट्रसंघ के महासचिव की यूक्रेन यात्रा के समय इस परमाणु बिजलीघर पर हमला किया जाएगा जिसका आरोप रूस पर लगाया जाने वाला था। वर्तमान समय में रूस और यूक्रेन दोनों ही परमाणु बिजलीघर को लेकर एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं।
यूक्रेनियों का कहना है कि रूसी सैनिक यहां से हमारे सैनिकों के विरुद्ध कार्यवाहियां कर रहे हैं जबकि रूस का कहना है कि यूक्रेन के सैनिकों की ओर से की जाने वाली गोलाबारी के कारण इस परमाणु बिजलीघर को गंभीर क्षति पहुंचने की आशंका है जिसके बहुत ही भयानक परिणाम सबके लिए सामने आएंगे।
रूसी अधिकारियों ने बताया है कि अमरीका द्वारा दिये गए राकेटों से यूक्रेनी सैनिक, परमाणु बिजलीघर पर हमले कर रहे हैं। इससे एसा लगता है कि रूस को नुक़सान पहुंचाने के लिए यूक्रेनी सैनिक हर प्रकार की शैली का प्रयोग कर रहे हैं। टीकाकारों का कहना है कि दोनो पक्षों को इस बात को बिल्कुल भी नहीं भूलना चाहिए कि परमाणु बिजलीघर को होेने वाला किसी भी प्रकार का नुक़सान, केवल एक स्थान तक सीमित नहीं होता है।
इसका स्पष्ट उदाहरण सन 1986 में चेरनोबिल परमाणु बिजलीघर में होने वाली दुर्घटना है जो पूर्व सोवियत संघ के काल में हुई थी। दुनिया जानती है कि इस दुर्घटना से न केवल स्थानीय लोगों को क्षति हुई बल्कि पूरे पर्यावरण को बहुत अधिक नुक़सान पहुंचा था।
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