अमरीका को लग चुकी है प्रतिबंधों की लत
चीन का कहना है कि अमरीकी प्रतिबंधों के कारण आधी दुनिया की आबादी समस्याओं में घिरी हुई है।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग विनबीन ने बताया कि विश्व के लगभग 40 देशों पर अमरीका ने प्रतिबंध लगा रखे हैं जिसके कारण दुनिया की आधी जनसंख्या को मानवीय संकट का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रतिबंध लगाने में अमरीका इस समय महाशक्ति बन गया है जिसके बहुत ही भयानक परिणाम सामने आ रहे हैं। वांग विनबीन का कहना है कि अमरीकी प्रतिबंध वास्तव में वाइट हाउस की अत्याचारपूर्ण कार्यवाही है जो अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर संकटों को जन्म दे रही है। अमरीका ने विभिन्न बहानों से दुनिया के बहुत से देशों पर प्रतिबंध लगा दिये हैं। ईरान भी उन देशों में से एक है जिनपर प्रतिबंध लगाए गए हैं। ईरान पर परमाणु मुद्दे को बहाना बनाकर प्रतिबंध थोपे गए हैं।
विडंबना यह है कि अमरीका की ओर से लगाए जाने वाले प्रतिबंधों में दवाएं ही शामिल हैं। दवाओं पर प्रतिबंधों के कारण न जाने कितने लोग अबतक अपनी जान गंवा चुके हैं।इन प्रतिबंधों को अधिक प्रभावी बनाने के लिए संयुक्त राज्य अमरीका ने अपने पश्चिमी घटकों को लालच और धमकी के सहारे उन्हें भी इसी रास्ते पर लगा दिया है।
यही कारण है कि चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इसको मानवीय त्रासदी की संज्ञा दी है। अमरीका ने यह धमकी दे रखी है कि प्रतिबंधित देशों पर लगाए जाने वाले प्रतिबंधों का उल्लंघन करने वालों के साथ कड़ाई से निबटा जाएगा। यह विषय अमरीका की तानाशाही और उसके वर्चस्व को बहुत स्पष्ट रूप में बयान करता है।
ईरान पर लगे अमरीकी प्रतिबंधों के बारे में संयुक्त राष्ट्रसंघ के विशेष दूत आलना दूहान का कहना है कि यह प्रतिबंध मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन हैं क्योंकि यह लोगों के लिए आवश्यकता की खाद्य सामग्री और दवाओं के मार्ग की बाधा बने हुए हैं। उनका कहना है कि ईरान पर लगे प्रतिबंधों को अमरीका की सरकार को तत्काल समाप्त करना चाहिए। प्रतिबंधों की लत के ही कारण अमरीका ने रूस के विरुद्ध भी कड़े प्रतिबंध लगा रखे हैं। इन प्रतिबंधों के लिए यूक्रेन को बहाने के रूप में पेश किया जा रहा है।
अब वह माॅस्को के विरुद्ध प्रतिबंधों को अधिक कठोर करने के लिए क़दम बढ़ा रहा है। इस प्रकार के प्रतिबंध सामान्यतः आम लोगों को प्रभावित करते हैं जिससे उनके लिए तरह तरह की समस्याएं पैदा होती हैं। रूस के विरुद्ध प्रतिबंधों को अधिक सख़्त करने के उद्देश्य से अमरीकी उप राष्ट्रपति हैरिस, जापान और दक्षिणी कोरिया की यात्रा पर हैं।अपनी इस यात्रा में वे इन देशों को प्रतिबंधों में अमरीका का साथ देने के लिए प्रेरित करेंगी जो उनकी यात्रा का मुख्य उद्देश्य है।
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