नैटो ने यूक्रेन से फिर पल्ला झाड़ा
नैटो के सदस्य देशों की बैठक में यूक्रेन के इस संगठन में शामिल करने की बात नहीं होगी।
स्लोवेनिया के विदेशमंत्री ने कहा है कि नेटो के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में यूक्रेन को इस संगठन में जगह देने के मुद्दे पर चर्चा नहीं की जाएगी। नेटो के विदेशमंत्रियों की बैठक रोमानिया की राजधानी बोखारेस्ट में हो रही है।
इसी बीच यूक्रेन के विदेश मंत्रालय की ओर से एलान किया गया है कि बोखारेस्ट में होने वाली बैठक में यूक्रेन की सम्मिलिति के बारे में हंगरी ने रोक लगा रखी है। हालांकि यूक्रेन को वचन दिया जा चुका है कि उसको नैटो का सदस्य बनाया जाएगा। कीएव की सरकार को सन 2008 से यह बताया जा रहा है कि उसको उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन का सदस्य चुन लिया जाएगा। कुछ जानकारों का कहना है कि यूक्रेन युद्ध का एक प्रमुख कारण यही विषय है।
रूस का कहना है कि पश्चिम का यह काम, उकसावे वाली कार्यवाही है। रूस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के उप प्रमुख एलेक्ज़ेंडर वेनिडिक्टोव के अनुसार यूक्रेन को नेटो की सदस्यता देना एक प्रचारिक हथकण्डे से बढ़कर कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन को भलिभांति पता है कि यह बात तीसरे विश्व युद्ध का कारण बनेगी।
यूक्रेन को नेटो का सदस्य बनाने का अभियान कुछ यूरोपीय एवं अमरीकी नेताओं की ओर से चलाया गया था। सन 2008 में बोखारेस्ट में नेटो की बैठक में सदस्य देशों ने फैसला लिया था कि यूक्रेन को अपना सदस्य बनाकर नेटो का पूर्व की ओर विस्तार किया जाए। इस फैसले में जार्जिया का भी नाम लिया गया था। यह वे देश हैं जो रूस की सीमा के निकट स्थित हैं। उस समय से यूक्रेन को नैटो का सदस्य देश बनाने के मुद्दे को लेकर रूस और नेटो के बीच गंभीर मतभेद चले आ रहे हैं। यूक्रेन के अधिकारों का मानना है कि यदि एसा होता है तो उसको रूस की ओर से उठने वाले हर ख़तरे में एक मज़बूत सहारा मिल जाएगा।
हालांकि नेटो की ओर से यूक्रेन को अपना सदस्य बनाए जाने के बारे में बातें तो बहुत की जा रही है किंतु इस विषय को लेकर स्वयं इस पश्चिमी संगठन के भीतर गंभीर मतभेद पाए जाते हैं। इसी संदर्भ में नेटो के महासचिव ने कहा है कि यूक्रेन की सदस्यता के लिए नेटो के सभी सदस्य देशों के बीच एकजुटता ज़रूरी है। उन्होंने यह आशंका भी व्यक्त की है कि एसा होने की स्थति में नेटो और रूस के बीच सीधा टकराव आरंभ हो सकता है।
पिछले तीन दशकों से अमरीका और नेटो, रूस को घेरने के लिए कई प्रकार की चालें चल रहे हैं। यूक्रेन युद्ध को भी पश्चिम की इसी चाल का हिस्सा माना जा रहा है। 24 फरवरी से आरंभ होने वाला यूक्रेन युद्ध अब दसवें महीने में प्रविष्ट हो चुका है।इस युद्ध में यूक्रेन को व्यापक स्तर पर क्षति सहन करनी पड़ी है। जैसाकि एलान किया गया है कि बोखारेस्ट में होने वाली नेटो की बैठक में यूक्रेन की सम्मिलित के विषय पर चर्चा नहीं की जाएगी। एसे में पता चलता है कि पश्चिम पर यूक्रेन ने भरोसा करके कितनी बड़ी ग़लती की है।
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