लूला डा सिल्वा फिर बने ब्राज़ील के राष्ट्रपति
(last modified Mon, 02 Jan 2023 09:21:06 GMT )
Jan ०२, २०२३ १४:५१ Asia/Kolkata

77 वर्षीय लूला डा सिल्वा ने पहली जनवरी 2023 को तीसरी बार ब्राज़ील के राष्ट्रपति का पद संभाला।

सन 2003 से 2010 तक लूला डा सिल्वा लगातार ब्राज़ील के राष्ट्रपति रहे।  अपने राष्ट्रपति काल में वे ब्राज़ील में बहुत लोकप्रिय थे।  इसका मुख्य कारण यह था कि लूला डा सिल्वा की सरकार ने ब्राज़ील में विकास के बहुत काम किये तथा वहां की अर्थव्यवस्था को मज़बूत बनाया।  यही कारण है कि चुनाव में जनता ने उनका खुलकर समर्थन किया।  लूला डा सिल्वा ने अपने प्रतिद्दवी जायर बोल्सानारो को कई लाख मतों से पराजित किया। 

राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद ब्राज़ील के नए राष्ट्रपति ने कहा कि हम देश का पुनर्निमाण करेंगे।  उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान हमने जो विकास और अधिकार खोए हैं उनको हम वापस हासिल करेंगे।  लूला डा सिल्वा ने ब्राज़ील के निर्धन लोगों के जीवन में सुधार के साथ ही नस्ली तथा लैंगिक समानता को लेकर काम करने का भी वचन दिया है।  उन्होंने यह भी कहा कि एक खंडित समाज में रहना किसी के भी हित में नहीं है।  डा सिल्वा ने अपनी विजय को लोकतंत्र की विजय बताया।  उनका कहना था कि ब्राज़ील को शांति, मित्रता और एकता की ज़रूरत है। 

जिस समय ब्राज़ील के नए राष्ट्रपति के रूप में लूला डा सिल्वा ने शपथ ली है उस समय उनके सामने कई चुनौतियां मुंह बाए खड़ी हैं।  एक तो यह कि कोविड-19 के दौरान ब्राज़ील को आर्थिक समस्याओं और बढ़ती मंहगाई का सामना करना पड़ा था।  इसके अतिरिक्त पर्यावरण तथा चिकित्सा के क्षेत्र में  इस देश के पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सानारो की नीतियों ने ब्राज़ील की समस्याओं मेंं वृद्धि कर दी।  इसके अतिरिक्त भी उनके कई फैसलों ने ब्राज़ील की जनता को कई प्रकार की परेशानियां दी हैं, एसे में वहां के लोगों को इस बात की प्रतीक्षा है कि नए राष्ट्रपति देश की वर्तमान स्थति में सुधार करके जनता के हालात को बेहतर बनाएंगे। 

डा सिल्वा ने वचन दिया है कि वे ब्राज़ील की अर्थव्यवस्था में सुधार करेंगे, पर्यावरण से संबन्धित मामलों को नियंत्रित करने के प्रयास करेंगे।  वे हमेशा से पर्यावरण संरक्षण के पक्षधर रहे हैं।  बताया जा रहा है कि जंगलों में आग, अवैध उत्खनन तथा पेड़ों की अवैध ढंग से कटाई के कारण ब्राज़ील को इस समय गंभीर सूखे का सामना है जो पिछले 90 वर्षों में सबसे अभूतपूर्व सूखा बताया जा रहा है।  लूला डा सिल्वा देश में भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए भी अभियान चला चुके हैं।  उनका कहना है कि पूर्व राष्ट्रपति बोल्सोनारो के काल में भ्रष्टाचार अधिक बढ़ा है।

ब्राज़ील के नए राष्ट्रपति ने वामपंथी देशों के साथ संबन्ध सुधारने की भी बात कही है।  पिछले कुछ महीनों के दौरान अर्जनटीना, मैक्सिको, बुलीविया, चिली, पेरू और कोलंबिया में वामपंथी सरकारें आई हैं जिनके साथ वे ब्राज़ील के संबन्ध अच्छे करने के इच्छुक हैं। इस बात की भी पेशनगोई की जा रही है कि रूस, चीन और ईरान के साथ भी ब्राज़ील के संबन्ध मज़बूत हो सकते हैं जो अमरीका की चिंता का कारण बनेंगे।

हमारा व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए क्लिक कीजिए

हमारा टेलीग्राम चैनल ज्वाइन कीजिए

हमारा यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब कीजिए!

ट्वीटर पर हमें फ़ालो कीजिए 

फेसबुक पर हमारे पेज को लाइक करें