नेटो को शीतयुद्ध वाली मानसिकता छोड़ देनी चाहिएः चीन
चीन का कहना है कि उत्तरी अटलांटिक संधि नेटो को शीतयुद्ध वाली मानसिकता से निकलना होगा।
नेटो के महासचिव के बयान पर चीन के विदेशमंत्रालय ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि विश्व के देशों के लिए चीन कोई चुनौती नहीं है।
चीन के बारे में नेटो के महासचिव के बयान पर माओ निंग ने कहा है कि बीजिंग न केवल विश्व के किसी भी देश के लिए चुनौती नहीं है बल्कि उनके साथ सहयोग करने वाला है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय और वैश्विक शांति की स्थापना के लिए चीन, विश्व के सारे देशों के साथ सहयोग करने के लिए तैयार है।
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा कि अपने घटकों की रक्षा के दावे के साथ नेटो इस समय अपनी पारंपरिक सीमाओं से आगे की ओर बढ़ रहा है जो तनाव का कारण बन सकता है। उनका कहना था कि नेटो को शीतयुद्ध की विचारधारा से बाहर आकर एसे काम करने चाहिए जिनसे शांति की स्थापना हो सके। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने आशा जताई है कि क्षेत्रीय देश एशिया-प्रशांत सहयोग के मार्ग पर आगे बढ़ते हुए पूरे विश्व में शांति की स्थापना के लिए प्रयास करें।
याद रहे कि नेटो के महासचिव जेन स्टालटेनबर्ग इस समय दक्षिणी कोरिया और जापान की यात्रा पर हैं। इन देशों की यात्राओं के दौरान नेटो के महासचिव जेन स्टालटेनबर्ग, यूक्रेन युद्ध में अमरीका के घटकों के संबन्धों को मज़बूत करने के प्रयास कर रहे हैं। इसी के साथ वे चीन से प्रतिस्पर्धा बढ़ाने की भी कोशिश में लगे हुए हैं।
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