हम शांति चाहते थे लेकिन जंग करनी पड़ीः पुतीन
रूस के राष्ट्रपति ने अपने वार्षिक संबोधन में पश्चिम पर पाखंड का आरोप लगाया है।
विलादिमीन पुतीन ने कहा कि हम हमेशा ही पश्चिम के साथ वार्ता और सहकारिता के पक्षधर रहे हैं।
उन्होंने मंगलवार को अपने संबोधन में अमरीका के राष्ट्रपति की यूक्रेन यात्रा का उल्लेखन करते हुए कहा कि नेटो का सदस्य देश ही युद्ध का मुख्य कारक हैं रूस नहीं। पुतीन के अनुसार रूस ने यूक्रेन के संदर्भ में पहले वार्ता के मार्ग को अपनाया लेकिन यूक्रेन की ओर से दोनबास पर हमले जारी रहे। उधर दोनबास के लोग रूस से सहायता की गुहार लगा रहे थे।
यूक्रेन युद्ध की वर्षगांठ के निकट आने के कारण रूस के राष्ट्रपति का हालिया भाषण बहुत महत्वपूर्ण है। रूस के अधिकारी यह कहते आए है कि यूक्रेन युद्ध को आरंभ करने में पश्चिम की विशेष भूमिका रही है। दूसरे शब्दों में यूक्रेन युद्ध को रूस के संबन्ध में पश्चिम की दुर्भावना का परिणाम कहा जा सकता है। यूक्रेन पर रूस के हमले का मुख्य कारण वास्तव में माॅस्को के बारे में पश्चिम की आक्रमणकारी नीति रहीं है।
शीत युद्ध की समाप्ति के बाद से अमरीका और नेटो ने रूस को कमज़ोर करने की योजना पर काम करना शुरू कर दिया था। इस समय वे रूस की सैनिक और आर्थिक शक्ति को कमज़ोर करके विलादिमीर पुतीन की वैधता को कम करना चाहते हैं ताकि उनको एक कमज़ोर रुस का मुक़ाबला करना पड़े। लंबे समय से अमरीका, रूस के विघटन या उसके टुकड़े करने के सपने संजोए बैठा है। अमरीका इस बात को भी लेकर चिंतित है कि चीन और रुस के परस्पर सहयोग से विश्व में पश्चिम की उदारवादी व्यवस्था के लिए गंभीर ख़तरा पैदा हो गया है।
इन बातों को देखते हुए संयुक्त राज्य अमरीका, रूस की शक्ति को कम करने के लिए हर मौक़े से लाभ उठाना चाहता है। पुतीन ने अपने भाषण में पश्चिम में लोगों के संबन्ध में पाई जाने वाली विचारधारा का उल्लेख करते हुए कहा कि पश्चिम को यह आदत सी हो गई है कि वह पूरी दुनिया का अनादर और अपमान करे। वे अपने देश के लोगों के साथ भी इसी तरह का व्यवहार करते हैं। रूस के राष्ट्रपति के भाषण का एक मुख्य भाग स्टार्ट संधि से संबन्धित था। विलादिमीर पुतीन ने कहा कि रूस, न्यू स्टार्ट संधि से नहीं निकलेगा किंतु उसने इसमें अपनी सहकारिता को कुछ समय के लिए विलंबित कर रखा है। पुतीन ने कहा कि फरवरी में नेटो ने इस समझौते को फिर से आरंभ करने तथा रूसी प्रतिष्ठानों के निरीक्षण की बात कही थी।
हालांकि हमको पता है कि पश्चिम, रूस के स्ट्रैटेजिक प्रतिष्ठानों पर हमला करने के लिए यूक्रेन की मदद कर रहा है। अपने संबोधन के एक भाग में पुतीन का कहना था कि यूक्रेन युद्ध को टालने के लिए आरंभ में माॅस्को की ओर से अथक कूटनैतिक प्रयास किये गए किंतु अमरीका के साथ पश्चिम ने इनको सफल नहीं होने दिया। हम अब भी वार्ता के लिए तैयार हैं किंतु बिना किसी शर्त के वार्ता करना चाहते हैं।
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